शर्मनाक है ये! प्रसूता को रात भर होता रहा रक्तस्राव और स्वास्थ्यकर्मी लेते रहे चैन की नींद, अंत में हो गई मौत
चतरा : झारखंड के चतरा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है। स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से आए दिन मरीजों की जान जा रही है। परंतु विभाग अपनी साख बचाने के लिए जांच के नाम पर खानापूर्ति कर खुद को पाक साफ साबित करने में व्यस्त है। ऐसा ही एक मामला कोल्हैया पंचायत के लारा लूटुदाग गांव की एक प्रसूता के साथ शुक्रवार की रात को घटी एक घटना का है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की असंवेदनशीलता व लापरवाही की कीमत प्रसूता गुंजन देवी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
बताया जा रहा है कि गुंजन देवी को प्रसव के लिए 17 मार्च की शाम को ऊंटा स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया था परंतु प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव हो जाने के बाद भी प्रसूता को वहां से कहीं बाहर नहीं ले जाकर रात भर वहीं रखा गया. सुबह जब मरीज की सांसे थमने लगी तो अस्पताल प्रबंधन कुंभकर्णी नींद से जागा और उसे ममता वाहन से सदर अस्पताल ले जाने लगे. परंतु सदर अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही गुंजन देवी की मौत हो गई। और बच्चा सही सलामत है।
घटना की सूचना विभाग के वरीय अधिकारी को भी दी गई उन्होंने इस मामले को अविलंब जांच करने का निर्देश चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सिंद्रेला बालमुचू को दिया. परंतु पूरा मामला जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रफा दफा कर दिया गया. इस मामले में ममता वाहन के चालक की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ एसएन सिंह ने बताया कि इस मामले में हुई जांच की रिपोर्ट अब तक हमारे पास नहीं आई है.