झारखंड में नगर निकाय चुनाव क्यों नहीं हो रहा? जानिए इसके पीछे की असली वजह

झारखंड में नगर निकाय के चुनाव कब कराये जाएंगे? आखिर इसे लेकर किसी तरह की हलचल क्यों नहीं हो रही है. जबकि झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 4 महीने के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया था. अब वो मियाद भी पूरी हो चुकी है.

आयुक्त का पद भी खाली

इन सब में सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि नगर निकाय चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग के पास है लेकिन आयोग में आयुक्त का पद ही कई दिनों से खाली पड़ा हुआ है. और इसलिए निर्वाचन आयुक्त के बिना नगर निकाय का चुनाव भी संभव नहीं है.
बता दें कि राज्य निर्वाचन आयुक्त डीके तिवारी का कार्यकाल बीते 25 मार्च को ही समाप्त हो गया था. इसके बाद से ही आयोग में आयुक्त का पद खाली पड़ा हुआ है.

ओबीसी आरक्षण के लिए जरूरी ट्रिपल टेस्ट भी अभी चल ही रहा है जिसकी वजह से निकाय चुनाव नहीं हो पा रहा है. झारखंड सरकार ने बिना ट्रिपल टेस्ट कराए ही पंचायत चुनाव करा लिए थे जिसका कई स्तरों पर विरोध किया गया था.

बता दें कि ओबीसी आयोग भी अध्यक्ष-विहीन है. और पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष के बिना ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट जारी नहीं की जा सकती. हालांकि, दोनों आयोगों में सचिव स्तर पर चुनाव को लेकर जरूरी तैयारियां पूरी की जा रही है.

16 मई तक निकाय चुनाव कराने का मिला था आदेश

गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव करवाने के लिए 4 महीने का समय राज्य सरकार को दिया था. और 16 मई 2025 तक इसे संपन्न करा लेने को कहा था. कोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग को निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपडेट वोटर लिस्ट राज्य निर्वाचन आयोग को देने का भी निर्देश दिया था.

बता दें कि इससे पहले 13 जनवरी को इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य में नगर निकाय चुनाव नहीं कराए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने कहा था यह अवमानना का मामला प्रतीत होता है. राज्य की सरकार नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया के नाम पर चुनाव नहीं रोक सकती.

मालूम हो की नगर निकाय चुनाव के लिए ट्रिपल टेस्ट के लिए ओबीसी सर्वे का काम साल 2024 के दिसंबर महीने के आखिर सप्ताह में शुरू हुआ था. जिसपर राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि नगर निकायों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिया जाना है. आरक्षण का प्रतिशत तय करने के लिए जिला स्तर पर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है. कुछ जिलों में यह प्रक्रिया चल रही है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

इसके अलावा राज्य सरकार ने कोर्ट को ये भी बताया था कि भारत निर्वाचन आयोग से वोटर लिस्ट भी अब तक नहीं मिल पाया है. इन वजहों से चुनाव में देर हो रही है. हालांकि 3 से 4 महीने बीत जाने के बाद भी निकाय चुनाव को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं देखने को मिल रही है.

निकाय चुनाव नहीं होने से वत्तीय अनुदान पर रोक

दूसरी ओर निकाय चुनाव नहीं होने के कारण केंद्र से नगर निकायों के लिए दिए जाने वाली वित्तीय अनुदान पर भी रोक लगा दी गई है. इसके चलते केंद्र के द्वारा दी जा रही अनुदान राशि निकायों के विकास में नहीं लग पा रही है.

गौरतलब है कि बीते कुछ दिन पहले 16वें वित्त आयोग की टीम झारखंड दौरे पर आई थी. इसे लेकर भी अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया ने साफ तौर पर कहा था कि नगर निकाय और पंचायत चुनाव कराए तब ही बकाया पैसा मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर राज्य सरकार दिसंबर तर निकय चुनाव करा लेती है तो पिछले वित्तिय वर्ष की बकाया राशि भी झारखंड सरकार को दे दिया जाएगा.

गौरतलब है कि झारखंड में सभी नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में ही समाप्त हो गया है. नए कार्यकाल के लिए चुनाव 27 अप्रैल, 2023 तक करा लिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है.

Related Articles