रायपुर । छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली हो चुकी है। पुरानी पेंशन बहाली के बाद कर्मचारियों ने एक नयी मांग के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ में कर्मचारी अब कैशलेस मेडिकल एलाउंस की डिमांड की मांग कर रहे हैं। पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन की छत्तीसगढ़ में अगुवाई करने वाले NMOPS छत्तीसगढ़ व अंशदायी पेंशन कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने प्रदेश में कैशलेस चिकित्सा भत्ता की मांग की है। NMOPS के बैनर तले प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की अगुवाई करने राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री ने OPS की बहाली के लिए धन्यवाद दिया है। साथ ही सभी कर्मचारियों से आह्वान किया है कि जिस प्रकार संघ की एक सूत्री मांग पुरानी पेंशन के लिए सभी एक साथ एक मंच पर खड़े हुए, उसी तर्ज पर कैशलेस मेडिकल एलाउंस के लिए भी साथ आयें।

राकेश सिंह ने कहा कि सभी कर्मचारियों को चिकित्सा भत्ता को कैशलेस बनाने की मांग करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी कर्मचारियों को मेडिकल एलाउंस के रूप में उनके एवं उनके परिवार के एक निश्चित संख्या के सदस्यों को चिकित्सा भार का पैसा इलाज के बाद रीइंबर्स करवाना होता है, जिसके लिए कभी सालों लग जाते हैं। कर्मचारियों को सिविल सर्जन या उन अधिकारियों के ऑफिसों के चक्कर भी लगाने होते हैं, जिन अधिकारियों को यह फंड अप्रूव करना होता है।

अक्सर यह देखा गया है कि कर्मचारी का इलाज में जितना पैसा खर्च होता है, सरकार के द्वारा सिर्फ उसका 30% पैसा ही कर्मचारी को सालों बाद प्राप्त होता है। उसमें भी यदि उसकी फाइल मंत्रालय पहुंच गई तो शायद यह राशि ना निकलने के बराबर होती है। इसी प्रक्रिया को सरल करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सभी कर्मचारियों को मेडिकल में कैशलेस प्रक्रिया को लागू करने के लिए आह्वान किया है कि एकजुट होने का आह्वान किया। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने यह भी स्पष्ट किया, जिस प्रकार पुरानी पेंशन बहाली के लिए हम आखिरी तक कर्मचारी एकजुट होकर रहे। उसी प्रकार हमारी एक सूत्री मांग मेडिकल में कैशलेस जब तक पूरी नहीं होगी, तब तक हम कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर, उनकी मांगों को पूरा कराने के लिए हमेशा प्रथम पंक्ति में खड़े मिलेंगे। उक्त जानकारी प्रदेश संगठन मंत्री पीयूष कुमार गुप्ता ने दी।

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