JSSC CGL का मुद्दा आज भी विधानसभा में गरमायेगा, सीबीआई जांच की मांग हुई तेज, 15 दिसंबर को राजधानी में बड़े प्रदर्शन की तैयारी
JSSC CGL issue will be heated in the assembly even today, demand for CBI investigation intensified, preparations for a big demonstration in the capital on 15th December
Jssc CGL : जेएसएससी सीजीएल को लेकर आज भी सदन में मुद्दा गूंज सकता है। इधर छात्रों का गुस्सा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। 15 दिसंबर को राजभवन के बाहर धरना देने की तैयारी है। माना जा रहा है कि राज्यस्तरीय प्रदर्शन में आसपास के जिलों से भी अभ्यर्थी पहुंच सकते हैं। इधर लगातार सीजीएल परीक्षा को लेकर सीबीआई जांच की मांग तेज हो गई है।
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा एक बार फिर विवादों में है। परीक्षा के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले छात्रों का गुस्सा रिजल्ट जारी होने के बाद और तेज हो गया है. यही वजह है कि हजारीबाग बंद के बाद छात्रों ने 15 दिसंबर को राजधानी रांची में राजभवन के पास धरना देने का फैसला किया है, जिसमें राज्य भर से हजारों छात्र जुटेंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में जारी रिजल्ट के बाद सफल छात्रों का सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक किया जाएगा, उससे पहले 15 दिसंबर को छात्र राजधानी रांची में बड़ा आंदोलन कर सरकार को संदेश देने वाले हैं। बता दें कि विवादों के बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 21 और 22 सितंबर को आयोजित झारखंड सामान्य स्नातक पात्रता संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया है।
हजारीबाग में हुए लाठीचार्ज के बाद से इस मुद्दे को और तूल मिल गया है। इससे पहले बुधवार को आजसू विधायक निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो सदन के बाहर हाथ में तख्ती लेकर धरने पर बैठे नजर आए। इस परीक्षा को रद्द करने के साथ ही सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। वहीं भाजपा विधायक पूर्णिमा दास ने भी इस परीक्षा का रिजल्ट जारी करने पर आपत्ति जताई है।
मुख्यमंत्री से इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस परीक्षा में अनियमितता की शिकायतें आई हैं, उससे साफ है कि इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं जयराम महतो ने कहा कि सरकार को अभ्यर्थियों से बात करनी चाहिए थी। मैंने सरकार को चेताया था और हजारीबाग में सड़क पर बैठे अभ्यर्थियों से बात करने को कहा था, लेकिन सरकार ने एक न सुनी और लाठीचार्ज में छात्र घायल हो गए। अभी भी समय है, सरकार छात्र हित में फैसला ले, नहीं तो आंदोलन तेज होगा।