रांची। स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षक अब सावधान हो जायें !.. शिक्षकों की अनुपस्थिति का शिक्षा विभाग ने ऐसा फार्मूला तैयार किया है कि अगर शिक्षक स्कूल नहीं आये तो विभाग तुरंत मालूम कर लेगा और फिर मास्साब की सैलरी कट जायेगी। दरअसल शिक्षा विभाग लंबे समय से इस बात की तैयारी कर रहा है कि स्कूल में वक्त की पाबंदी हो। शिक्षक वक्त पर स्कूल आयें और वक्त पर ही स्कूल से जायें, लेकिन कड़ाई के बावजूद कई शिक्षक विभाग की आंखों में आज तक धूल झोंकने में कामयाब रहे हैं।

अब विभाग ने तय किया है कि शिक्षकों को ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर उपस्थिति बनाना अनिवार्य होगा। यही नहीं शर्त ये भी है कि शिक्षकों को स्कूल में ही पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। अपने घर से या स्कूल से बाहर किसी जगह से उपस्थिति बनाने पर शिक्षक अनुपस्थिति पाए जाएंगे। झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के. रवि कुमार का कहना है कि शिक्षकों का ई-विद्यावाहिनी से उपस्थिति बनाना अनिवार्य होगा।

पहली बार जियो फेंसिंग की भी व्यवस्था लागू की जा रही है। इस व्यवस्था से उपस्थिति नहीं बनानेवाले शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा। ई-विद्यावाहिनी पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति नहीं बनानेवाले शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन भुगतान नहीं होगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी शिक्षकों को इसकी सूचना अखबार के माध्यम से देगा। इसमें नई व्यवस्था को अनिवार्य किए जाने की जानकारी दी जाएगी।

स्कूल शिक्षा विभाग ने ई-विद्यावाहिनी पोर्टल को जियो फेंसिंग सिस्टम को जोड़ा है। सभी सरकारी स्कूलों की जियो फेंसिंग की गई है, जिसके तहत स्कूल या स्कूल के 50 या 100 मीटर की दूरी तक ही शिक्षक ई-विद्यावाहिनी पर अपनी उपस्थिति बना सकेंगे। इससे बाहर उपस्थिति बनाने पर सिस्टम उसे नहीं लेगा। इसे एक जनवरी से लागू किया जाएगा।

नई व्यवस्था में शिक्षक कनेक्टिविटी का भी बहाना नहीं बना सकेंगे, क्योंकि कनेक्टिविटी नहीं होने पर भी सिस्टम उसे ले लेगा। इससे पहले एक माह शिक्षकों को नई व्यवस्था को समझने के लिए समय दिया जाएगा। शिक्षक जब स्कूल छोड़ेंगे उस समय भी उन्हें ई-विद्यावाहिनी पर पंच करना होगा, जिससे पता चलेगा कि शिक्षक कबतक स्कूल में रहे। अब जियो फेंसिंग होने से शिक्षक गड़बड़ियां नहीं कर सकेंगे।

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