रोहतक: हरियाणा में भाजपा सरकार फिर से संकट में है। तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार ने अपना समर्थन ले लिया और कांग्रेस को दिया है। लिहाजा अब हरियाणा में भाजपा सरकार अल्पमत में आ गयी है। जिन तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, वो सभी विधायक पहले बीजेपी के साथ थे। वहीं आज इन तीनों विधायकों ने बीजेपी की प्रदेश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके साथ ही राज्य में बीजेपी की नायब सरकार अल्पमत में आ गई है। भाजपा की सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वालों में दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन के नाम शामिल हैं।

हरियाणा विधानसभा 90 विधायकों वाली विधानसभा है। फिलहाल विधानसभा में 88 विधायक हैं। इसमें से बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। इनके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के एक और इनेलो के एक विधायक भी हैं। वहीं 6 निर्दलीय विधायक भी विधानसभा में हैं। इस समय बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट चुका है। वहीं निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार चला रही बीजेपी की प्रदेश सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। बीजेपी से नाराज चल रहे तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने से बीजेपी की प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गई है। अब बीजेपी के पास 40 अपने विधायक और 3 अन्य विधायकों का साथ है।

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने निर्दलीय विधायकों द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने पर प्रेस वार्ता की। वहीं बादशाहपुर से विधायक राकेश दौलताबाद भी अपना समर्थन कांग्रेस को दे सकते हैं। हालांकि अभी तक वह प्रेस वार्ता में पहुंचे नहीं हैं। माना जा रहा है कि ये सभी ऐसे विधायक हैं जो मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने की वजह से काफी दिनों से भाजपा से नाराज चल रहे थे। वहीं आखिरकार इन सभी निर्दलीय विधायकों ने आज मंगलवार को कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया।

कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों का कहना है कि बीजेपी सरकार की नीति जन विरोधी रही है। इसके कारण उन्होंने कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने का फैसला किया। वह अब कांग्रेस का पूर्ण रूप से समर्थन देने का काम करेंगे। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि बीजेपी सरकार जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चला रही थी, लेकिन आज बीजेपी की प्रदेश सरकार अल्पमत में है। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। उन्हें अब सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है। पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। यह जन समर्थन में फैसला लिया गया है। कांग्रेस लगातार प्रदेश में मजबूत हो रही है।

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