शिमला। बारिश ने हिमाचल में मौत का कोहराम मचा दिया है। 24 घंटे में ही 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 20 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। 14 लोगों की मृत्यु शिमला में हुई भूस्खलन के कारण हुई। भूस्खलन के कारण कई सड़कें टूट गईं और घर गिर गए। पिछले 24 घंटों में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई है। 20 से अधिक लोग अभी भी फंसे हुए हैं, और मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। खोज और बचाव अभियान जारी है। हमने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मल्लिकार्जुन खड़गे, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार को हर संभव मदद देने का आह्वान किया है।” राजधानी शिमला में समरहिल स्थित उच्च अध्ययन संस्थान के पास बादल फटने के बाद आए मलबे से एंथली में शिववाड़ी मंदिर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। देर शाम तक आठ शव मलबे से निकाल लिए हैं, छह लोग घायल हुए हैं, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 25 से 30 लोग अब भी मलबे में दबे हैं।

मंदिर के भीतर से आवाजें आने की बात कही गई, संभावना है कि कुछ लोग सुरक्षित होंगे। शिमला शहर के फागली में भूस्खलन की चपेट में आने से कई अस्थायी घर जमींदोज हो गए। राहत एवं बचाव दल को पांच लोगों के शव मिले हैं। पांच लोगों को रेस्क्यू किया है। 10 लोगों के फंसे होने की आशंका है। मंडी जिले में बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से आए मलबे में दबने से 20 लोगों की मौत हुई है। द्रंग विधानसभा क्षेत्र की सेगली पंचायत के चलाहर गांव के एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हुई है व पांच लोग लापता हैं।

मंडी के गांव थट्टा मे बादल फटने से एक एचआरटीसी की बस, तीन गाड़ियां और एक बाइक बह गई और हमीरपुर की अनु पंचायत में एक मंजिला मकान जमीन दोज हो गया। यहां 13 लोगों की मौत की जानकारी मिली है।गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में बारिश से बुरा हाल है. राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से रौंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. कई जगहों पर लैंडस्लाइड होने और बादल फटने से लोगों की जान चली गई जबकि कुछ जगहों पर वाहन और पशु भी इसका शिकार हो गए. इतना ही नहीं प्रदेश का जाना-माना पंचवक्त्र मंदिर भी एक बारिश पानी में डूब गया.

जुतोग और समर हिल रेलवे स्टेशनों के बीच किमी 92/6-92/7 पर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक भारी बारिश के कारण बह गया है. कंडाघाट-शिमला के बीच ट्रेनों की आवाजाही रद्द है. इस बीच, एनडीआरएफ के अधिकारी नाफिस खान ने कहा, ‘यहां करीब 30-35 लोगों के फंसे होने की सूचना है. हमारी 14 एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची है और करीब 30 लोग काम कर रहे हैं. यहां काफी मलबा है और बड़े पेड़ों को काटा जा रहा है जिससे काम करने में आसानी हो. हमारे साथ एसडीआरएफ की टीम भी लगी है.

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