Ranchi Loksabha Seat : झारखंड की 14 लोकसभा में से एक अहम लोकसभा की सीट है रांची लोकसभा। राजधानी होने की वजह से सत्ता का केंद्र बिंदु इस सीट को तो कहा ही जाता है, इस बार उम्मीदवारों की वजह से भी इस सीट की काफी चर्चा है। यह लोकसभा सरायकेला खरसवां और रांची जिलों के काफी हिस्सों को कवर करता है। मौजूदा वक्त में रांची लोकसभा में छह विधानसभा आते हैं, जहां अभी भाजपा का दबदबा है। जो छह विधानसभा रांची लोकसभा में आती है, उसमें इच्छागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया, कांके की सीट है। इसमें से अभी एनडीए के पास चार सीट है, जबकि कांग्रेस और झामुमो के पास एक-एक सीट है।

रांची लोकसभा का इतिहास
रांची झारखंड आंदोलन का केंद्र था, जिसने दक्षिण बिहार, उत्तरी ओडिशा, पश्चिमी पश्चिम बंगाल और वर्तमान छत्तीसगढ़ के पूर्वी क्षेत्र के आदिवासी क्षेत्रों के लिए एक अलग राज्य की मांग की थी. रांची झारखंड के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है.रांची संसदीय क्षेत्र भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर भी है. यहां गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय जैसे प्रमुख पर्यटक स्थल भी हैं.

सूबे की राजधानी की इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होती रहती है. साल 1951 में इस सीट पर कांग्रेस के अब्दुल इब्राहिम जीते थे, जबकि 1957 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी मीनू मसानी ने जीता था. इसके बाद पीके घोष लगातार तीन बार (1962, 1967 और 1971) लोकसभा चुनाव जीते थे. साल 1977 में बीएलडी के रविंद्र वर्मा और 1980 व 1984 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के शिव प्रसाद साहू ने जीत हासिल की थी.

साल 1989 में जनता दल के टिकट पर सुबोध कांत सहाय ने बाजी मारी थी. इसके बाद बीजेपी के टिकट पर राम तहत चौधरी लगातार चार बार (1991, 1996, 1998 और 1999) का चुनाव जीते थे. कांग्रेस के टिकट पर सुबोध कांत सहाय साल 2004 और 2009 का चुनाव जीते थे. इसके बाद साल 2014 में बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर राम टहल चौधरी जीतने में कामयाब हुए थे.

क्या कहते हैं 2019 तक के आंकड़े
देश में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में, यानी लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट पर कुल 1915959 मतदाता थे. उस चुनाव में BJP प्रत्याशी संजय सेठ को जीत हासिल हुई थी, और उन्हें 706510 वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में संजय सेठ को लोकसभा सीट में मौजूद कुल मतदाताओं में से 36.88 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त हुआ था, जबकि इस सीट पर डाले गए वोटों में से 57.18 प्रतिशत उन्हें दिए गए थे. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान इस सीट पर INC प्रत्याशी सुबोध कांत सहाय दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 423730 वोट मिले थे, जो संसदीय सीट के कुल मतदाताओं में से 22.12 प्रतिशत का समर्थन था, और उन्हें कुल डाले गए वोटों में से 34.29 प्रतिशत वोट मिले थे. इस सीट पर आम चुनाव 2019 में जीत का अंतर 282780 रहा था.

इससे पहले, रांची लोकसभा सीट पर वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान 1648459 मतदाता दर्ज थे. उस चुनाव में BJP पार्टी के प्रत्याशी राम टहल टौधरी ने कुल 448729 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उन्हें लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 27.22 प्रतिशत ने समर्थन दिया था, और उन्हें उस चुनाव में डाले गए वोटों में से 42.74 प्रतिशत वोट मिले थे. उधर, दूसरे स्थान पर रहे थे INC पार्टी के उम्मीदवार सुबोधकांत सहाय, जिन्हें 249426 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, जो लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 15.13 प्रतिशत था और कुल वोटों का 23.76 प्रतिशत रहा था. लोकसभा चुनाव 2014 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 199303 रहा था.

उससे भी पहले, झारखंड राज्य की रांची संसदीय सीट पर वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान 1625148 मतदाता मौजूद थे, जिनमें से INC उम्मीदवार सुबोध कांत सहाय ने 310499 वोट पाकर जीत हासिल की थी. सुबोध कांत सहाय को लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 19.11 प्रतिशत वोटरों का समर्थन हासिल हुआ था, जबकि चुनाव में डाले गए वोटों में से 42.88 प्रतिशत वोट उन्हें मिले थे. दूसरी तरफ, उस चुनाव में दूसरे स्थान पर BJP पार्टी के उम्मीदवार राम टहल चौधरी रहे थे, जिन्हें 297149 मतदाताओं का साथ मिल सका था. यह लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 18.28 प्रतिशत था और कुल वोटों का 41.04 प्रतिशत था. लोकसभा चुनाव 2009 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 13350 रहा था.

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