झारखंड : हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला…300 अधिकारी-कर्मचारी से 19-19 लाख की वसूली पर रोक, सचिवालय सहायक सेवा और निजी सहायक संवर्ग को मिली राहत
Jharkhand: Important decision of the High Court... Ban on recovery of Rs 19 lakh each from 300 officers and employees, relief given to Secretariat Assistant Service and Personal Assistant cadre

झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड सचिवालय सहायक सेवा व निजी सहायक संवर्ग के प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी से राज्य सरकार 19.75 लाख रुपए की वसूली के फैसले पर रोक लगा दिया है। जस्टिस दीपक रौशन की अदालत ने सोमवार को सुनवाई के बाद वित्त विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी आदेश पर स्टे लगा दिया।
साथ ही राज्य सरकार को 26 जून 2025 तक शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से सचिवालय सहायक और निजी संवर्ग के कर्मियों को बड़ी राहत मिली है। अधिकाई भुगतान की वसूली संबंधी वित्त विभाग के फैसले से सचिवालय सहायक सेवा व निजी सहायक संवर्ग के लगभग 300 अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित हो रहे थे।
सचिवालय कर्मियों की ओर से चंद्रभूषण कुमार, प्रमोद कुमार, जागो चौधरी समेत कई अन्य अधिकारियों ने हाईकोर्ट में अलग अलग याचिकाक दाखिल की थी।
यहां मालूम हो कि राज्य सरकार ने विकास आयुक्त अविनाश कुमार की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय कमेटी की अनुशंसा के आलोक में पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में वेतनमान में कमी और अत्यधिक राशि के हुए भुगतान की वसूली का फैसला किया था। इसके बाद वित्त विभाग ने 28 मार्च को वसूली से संबंधित संकल्प जारी कर दिया था। उच्चस्तरीय कमेटी ने इंट्री पे के आधार पर 1.1.2006 के बाद नियुक्त कर्मियों के वेतनमान के आधार पर 1.1.2006 के कर्मियों के वेतन निर्धारण को गलत करार दिया था।
उच्चस्तरीय समिति ने 1.1.2006 से पूर्व नियुक्त सचिवालय सहायक व निजी सहायक संवर्ग के वेतन निर्धारण को अनियमित करार दिया था। साथ ही राज्य सरकार द्वारा निर्गत 2019 के संकल्प को निरस्त करते हुए पुनः वेतन निर्धारण एवं 2006 से भुगतान की गयी राशि की वसूली का निर्णय लिया था। इस फैसले से सचिवालय सहायक सेवा के अलावा हाईकोर्ट में कार्यरत कर्मी भी प्रभावित हो रहे थे।
इस तरह वेतन में हुई थी बढोत्तरी
1.1.2006 से सचिवालय सहायक एवं निजी सहायकों का ग्रेड पे 4200 से बढ़ा कर 4600 कर दिया गया था। इसी के साथ साथ 1.1.2006 से 6500-1050 के वेतनमान को बढ़ा कर 7450-11500 कर दिया गया था। इसको लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में भारी आक्रोश था। अब इस फैसले से सचिवालय सेवा के अधिकारियों में आक्रोश बढ़ रहा है।