पाकिस्तान से लौटे BSF जवान पी.के. साहू के 5 चौंकाने वाले खुलासे: पाक रेंजर्स के अत्याचारों की दर्दनाक दास्तान

नई दिल्ली: पाकिस्तान से रिहा होकर भारत लौटे बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान पी.के. साहू ने पाकिस्तान की हिरासत में बिताए 20 दिनों को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। 13 मई को अटारी बॉर्डर के रास्ते वतन लौटे साहू को सेना ने तुरंत अपनी हिरासत में ले लिया और उनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी भी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।

कैसे पहुँचे पाकिस्तान?

पी.के. साहू पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई थी। 23 अप्रैल को गश्त के दौरान साहू को सीमा पर झाड़ियों में कुछ संदिग्ध हलचल दिखाई दी। तलाश के दौरान वह गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए, जहाँ पाक रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

20 दिन की हिरासत और मानसिक यातना

सेना को दी गई जानकारी में पी.के. साहू ने बताया कि पाकिस्तान की आर्मी और रेंजर्स ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उनके अनुसार:

  1. मानसिक उत्पीड़न और अपशब्द: पाक रेंजर्स लगातार उन्हें गालियाँ देते रहे और मानसिक रूप से परेशान करते रहे।

  2. सोने और दैनिक कार्यों से वंचित: साहू ने बताया कि उन्हें सोने नहीं दिया जाता था, ब्रश करने तक की इजाज़त नहीं थी, और आंखों पर हमेशा पट्टी बंधी रहती थी।

  3. शारीरिक प्रताड़ना नहीं, लेकिन दबाव: साहू का कहना है कि उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुँचाया गया, पर उनसे भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी और अफसरों के फोन नंबर मांगते रहे।

  4. तीन अज्ञात ठिकानों पर रखा गया: उन्होंने बताया कि उन्हें तीन बार अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया, जिनमें से एक जगह एयरबेस जैसी लग रही थी जहाँ विमान की आवाजें आती थीं।

  5. सिविल ड्रेस में पूछताछ: पूछताछ करने वाले लोग सिविल ड्रेस में थे, जो लगातार उनसे मोबाइल का कोड और खुफिया जानकारी मांगते रहे।

पी.के. साहू की रिहाई में उनकी पत्नी और भारतीय सेना के प्रयास अहम रहे। 20 दिन की जद्दोजहद के बाद 13 मई को पाकिस्तान ने उन्हें भारत को सौंप दिया। वापसी के बाद प्रोटोकॉल के तहत उनके कपड़े नष्ट किए गए और उन्हें मेडिकल जांच के साथ पूछताछ की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।

फिलहाल पी.के. साहू सेना की निगरानी में हैं और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को बेहद संवेदनशील मानते हुए जांच में जुटी हैं।

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