दुनिया में 9 देश, 12,000 से ज्यादा न्यूक्लियर बम….सिर्फ 500 बमों से मिट सकती है पूरी इंसानियत…जानिए कैसे शुरू हुई तबाही की ये होड़…

नई दिल्ली:
दुनिया के महज देशों के पास मौजूदा समय में 12,000 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं — और विशेषज्ञों की मानें तो इनमें से सिर्फ 500 न्यूक्लियर बम ही मानव सभ्यता को पूरी तरह खत्म करने के लिए काफी हैं।

संयुक्त राष्ट्र की गणना के अनुसार, दुनिया में कुल 193 सदस्य देश हैं और 12 ऐसे क्षेत्र हैं जो सदस्य नहीं हैं। यानी, कुल मिलाकर 205 देश। इन देशों में करीब अरब लोग बसते हैं, जो 51 करोड़ वर्ग किलोमीटर में फैली इस धरती के केवल 15 करोड़ वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर रह रहे हैं। बाकी 71% हिस्सा समुद्रों से ढका है।

न्यूक्लियर हथियारों की होड़: कहां से शुरू हुई?

परमाणु हथियारों की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई। जब दुनिया के प्रमुख देश सबसे विनाशकारी हथियार की तलाश में लगे थे, तब 1945 में अमेरिका ने पहला परमाणु बम तैयार किया और जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर इसका इस्तेमाल कर दुनिया को इसकी भयावहता दिखा दी।

इसके बाद ये होड़ शुरू हुई:

  • 1949सोवियत संघ (अब रूस)

  • 1952ब्रिटेन

  • 1960फ्रांस

  • 1964चीन

  • 1967 (अनाधिकारिक)इज़राइल

  • 1974भारत (ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा)

  • 1998पाकिस्तान

  • 2006उत्तर कोरिया

इनमें से एक देश, दक्षिण अफ्रीकाजिसने 1977 में परमाणु हथियार बनाए थे, उसने इन्हें खुद ही नष्ट कर दिया और न्यूक्लियर क्लब से बाहर निकल गया।

कितने परमाणु बम किसके पास?

बुलेटिन ऑफ एटोमिक साइंटिस्ट्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ये हैं न्यूक्लियर हथियारों के आंकड़े:

देशअनुमानित परमाणु बम
रूस5,500
अमेरिका5,044
चीन500
फ्रांस290
ब्रिटेन225
भारत172
पाकिस्तान170
इज़राइल90
उत्तर कोरिया50
कुल12,041

विशेषज्ञों के अनुसार, सिर्फ 500 बम (प्रत्येक 30–40 किलोटन क्षमता वाला) दुनिया की संपूर्ण अरब आबादी को खत्म करने के लिए पर्याप्त हैं। यदि पूरी धरती (15 करोड़ वर्ग किमी ज़मीन) को तबाह करना हो, तो इसके लिए 1.28 लाख परमाणु बम चाहिए होंगे। यानी इंसान को खत्म किया जा सकता है, लेकिन पूरी पृथ्वी को नहीं।

डेड हैंड’: रूस का सबसे खतरनाक हथियार

दुनिया का सबसे खतरनाक परमाणु हथियार है रूस का डेड हैंड’ या पेरीमीटर सिस्टम’। यह एक ऑटोमैटिक रिवेंज सिस्टम है जिसे शीत युद्ध के दौरान 1945 से 1991 के बीच तैयार किया गया था। अगर रूस पर एक बड़ा न्यूक्लियर हमला हो और उसकी सरकार या मिलिट्री कमांड खत्म हो जाए, तो सिर्फ तीन लोग इस सिस्टम को सक्रिय करके अपने आप रूस के सारे 5,500 बम दुश्मन देश पर दाग सकते हैं। यह सिस्टम ‘डूम्स डे डिवाइस’ के नाम से कुख्यात है।

और देश भी कर रहे हैं गुपचुप तैयारी

बुलेटिन की रिपोर्ट के अनुसार, कई देश गुपचुप तौर पर न्यूक्लियर प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं। इन देशों में शामिल हैं:

  • ईरान, अर्जेंटीना, ब्राज़ील – सबसे आगे

  • जापान – तकनीकी रूप से सक्षम, पर सक्रिय नहीं

  • स्वीडन, लीबिया, रोमानिया, इजिप्ट, ताइवान, अल्जीरिया, सीरिया, इराक – संदेह के घेरे में

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