पंजाब। झारखंड की तर्ज पर पंजाब में भी शिक्षक शासकीयकरण और वेतन बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं। शनिवार को वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे शिक्षकों पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। शिक्षकों के इस आंदोलन को समर्थन दे रहे किसान नेताओं को भी पीटा गया। मामला पंजाब के संगरूर का है, जहां शनिवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। संविदा पर काम कर रहे सरकारी स्कूलों के हजारों शिक्षक-शिक्षिकाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

शिक्षक-शिक्षिकाएं मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास का घेराव करने जा रहे थे। पुलिस के रोकने पर भी जब शिक्षक नहीं माने तो शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान महिला शिक्षकों पर भी पुलिस ने सख्ती दिखाई। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारी शिक्षकों को उठा कर बसों में बंद कर दिया। वहीं, उनके सपोर्ट में आए किसान नेता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। यह सभी उनकी नौकरी को स्थाई करने और उनका वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

दरअसल, संगरूर में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के घर से महज कुछ ही दूरी पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब भर से आए सरकारी स्कूलों में कॉन्ट्रैक्ट बेस (अस्थाई) पर पढ़ाने वाले अध्यापकों पर पुलिस के जमकर लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी अध्यापकों को पकड़-पकड़ कर पुलिस की बसों में बंद किया। 14 जून से मुख्यमंत्री के संगरूर वाले घर से महज कुछ ही दूरी पर अध्यापकों का प्रर्दशन अपनी मांग को लेकर जारी है।

इस दौरान खुराना गांव की पानी की टंकी पर चढ़कर भी अध्यापकों ने प्रदर्शन किया. धीरे-धीरे पूरे पंजाब भर से सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अस्थाई शिक्षक-शिक्षिकाएं संगरूर में जुड़ने लगे और स्थाई करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे.। वहीं इस प्रदर्शनकारी शिक्षकों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की के दौरान कई लोगों के कपड़े फट गए। बता दें कि, शिक्षकों का प्रदर्शन अभी भी जारी है. वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि, उन्होंने प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक रोकने की कोशिश की और इस दौरान उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

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