ट्रांसफर लिस्ट कैंसिल, दो IAS की भी छुट्टी: ट्रांसफर घोटाला में राज्य सरकार का बडा एक्शन, दो आईएएस पर गिरी गाज, जानिये क्या मिली थी शिकायत
Transfer list cancelled, two IAS also dismissed: State government takes big action in transfer scam, two IAS officers suspended, know what complaint was received

IAS News। पैसे लेकर ट्रांसफर मामले में दो IAS की छुट्टी हो गयी है। राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए ना सिर्फ ट्रांसफर लिस्ट को कैंसिल कर दिया है, बल्कि दो आईएएस अफसरों को पद से हटाते हुए उन्हें वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है। माना जा रहा है कि इस मामले में अभी और कार्रवाई हो सकती है।
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तबादला सत्र 2025 के दौरान उभरे भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए ये बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। सरकार ने दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों को उनके पद से हटाते हुए उन्हें वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है, साथ ही विवादास्पद 202 तबादलों को भी रद्द कर दिया गया है।
इन अधिकारियों पर हुआ एक्शन?
स्टांप एवं पंजीयन विभाग में कार्यरत आईजी स्टाम्प समीर वर्मा को उनके पद से हटाते हुए वेटिंग लिस्ट में डाला गया है। अब उनके स्थान पर प्रमुख सचिव अमित गुप्ता को आईजी स्टाम्प का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग में निदेशक प्रशासन के पद पर कार्यरत IAS भवानी सिंह खंगारौत को भी उनके पद से हटाया गया है। उनकी जगह अब आर्यका अखौरी को निदेशक प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के रूप में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
तबादलों में अनियमितता बनी कार्रवाई का आधार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन विभागों में तबादलों के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और भर्ती संबंधी अनियमितताएं सामने आई थीं। कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने तबादले को लेकर धांधली की शिकायतें दर्ज कराई थीं। आरोप है कि तबादलों में मनमाने तरीके से नाम जोड़ने और हटाने का खेल चल रहा था, जिसके एवज में रिश्वतखोरी की आशंका भी जताई गई।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह कड़ी कार्रवाई की गई है।
202 तबादले हुए निरस्त
मुख्यमंत्री के आदेश पर स्टांप एवं पंजीयन विभाग से जुड़े कुल 202 तबादलों को निरस्त कर दिया गया है। यह निर्णय दर्शाता है कि योगी सरकार प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण की गहन जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े अन्य अधिकारियों या कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। योगी सरकार की स्पष्ट मंशा है कि प्रशासन में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं होगा।