मैथन। 7वीं के बच्चे संज्ञा और सर्वनाम का भेद नहीं बता पाते…. शिक्षा गुणवत्ता की उस वक्त पोल खुल गयी, जब शिक्षा विभाग की अवर सचिव स्कूल इंस्पेक्शन के लिए पहुंची। इंस्पेक्शन के दौरान जब वो क्लास रूम में पहुंची तो उन्होंने व्याकरण के बुनिया सवाल संज्ञा सर्वनाम के बारे में छात्राओं से पूछा, लेकिन छात्राएं जवाब बता नहीं सकी। अवर शिक्षा सचिव सरोजिनी सिंह शनिवार को वरीय बुनियादी स्कू ल मैथन का इंस्पेक्शन किया। इस दौरान उन्हों ने शिक्षक की भूमिका में आकर बच्चों को कई चीजें समझाईं। अवर शिक्षा सचिव सरोजिनी सिंह ने शिक्षा व्यंवस्था् में सुधार एवं पठन-पाठन में गुणात्मक सुधार के लिए शिक्षकों एवं छात्राओं को कई टिप्सू दिए।

सवाल क जवाब में छात्राएं संज्ञा एवं सर्वनाम का भेद नहीं बता पाईं, उस कक्षा की हिंदी शिक्षक स्कू ल की प्रभारी प्रधानाध्यापक कुसुम कुमारी हैं। निरीक्षण के क्रम में वह भी अवर शिक्षा सचिव के साथ ही थीं। सवाल पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक थोड़ी नर्वस हुईं, लेकिन फिर स्थिति संभालते हुए बच्चों से कहा कि ठीक से बताओ, डरो मत… कल ही तो मैंने बताया था। इस दौरान अवर शिक्षा सचिव ने कहा कि सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की प्रक्रिया के तहत काम चल रहा है। हालांकि समय-समय पर कुछ सरकारी पेच के कारण कार्य में विलंब हो रहा है। उन्होंने माना कि शिक्षा व्यावस्था में सुधार के लिए काफी मेहनत करने की जरूरत है।

अवर सचिव ने कहा कि धनबाद जिले के विद्यालयों में पठन-पाठन एवं सुधार के लिए उन्हें जिम्मा दिया गया है और इस काम में वे जिले के विद्यालयों का निरीक्षण कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन विद्यालयों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक हैं, उन्हें दूसरे वैसे विद्यालयों में स्थानांतरण किया जाए, जहां शिक्षकों की संख्याक कम है।

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