पटना। शिक्षक भर्ती में प्रदर्शन करने और मीडिया में बयान देने वाले अभ्यर्थियों पर आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। BPSC ने कार्रवाई के साथ-साथ उन मीडिया संस्थानों पर भी FIR के निर्देश दिये हैं, जिन्होंने बिना आयोग का पक्ष जाने, उन अभ्यर्थियों के आरोप को प्रकाशित किया है। बीपीएससी ने इस संबंध में सूचना जारी कर जानकारी दी है।

दरअसल शिक्षक भर्ती के पहले चरण में नाराज अभ्यर्थियों ने कई बार प्रदर्शन किया था। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये अपनी बातों और शिकायतों को सार्वजनिक किया था। इस संबंध में आयोग की तरफ से नोटिस जारी कर अभ्यर्थियों और मीडिया संस्थानों को जवाब देने को कहा था। इस संबंध में राहुल कुमार, सियाराम शर्मा, पिंकी कुमारी ने अपना जवाब दिया था, वहीं दो मीडिया संस्थानों ने भी अपना माफीनामा आयोग को भेजा था।

बीपीएससी ने उन माफीनामा को नामंजूर करते हुए तीनों अभ्यर्थियों को 5-5 साल केलिए बीपीएससी की परीक्षा से बहिष्कृत कर दिया है, वहीं दो मीडिया संस्थानों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिये हैं। आयोग ने कहा है कि लीगल नोटिस का जवाब तीन अभ्यर्थी और दो मीडिया संस्थानों ने दिया है, लेकिन ऐसे माफीनामा से आयोग की छवि जो खराब हुई है, उसकी भारपाई नहीं हो सकती। लिहाजा, अभ्यर्थी को 5 साल के लिए प्रतिबंधित किया जाता है, जबकि दो मीडिया संस्थानों के खिलाफ IPC 1860 आईटी एक्ट 2000 और कॉपी राइट के उल्लंघन के मामले में कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।

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