sharmanaak : doodhamunhee bachchee ko jhole mein phenka, devee ka roop samajh nihsantaan dampatti ne apanaaya
पलामू। जिले में मानवता उस समय तार तार हो गई जब झोले में नवजात शिशु लावारिश हालत में मिली। वैसे तो संतान सभी के लिए अहम हैं परंतु संतान की अहमियत निःसंतान दंपत्ति से ज्यादा कौन समझ सकता है। स्वस्थ समाज में बच्चे को भगवान का रूप समझ जहां सभी आलिंगन करने की सोचते है वहीं ये समझने और सोचने के लिए विवश करता है की आज सरकार बच्चे के पैदा होने से लेकर पढ़ाई – लिखाई, शादी विवाह, आवास सहित सारे खर्च सरकार स्वयं उठाने के लिए तत्पर रहती है,उसके वावजूद किसी नवजात शिशु को लावारिस हालत में सड़क के किनारे फेंक देना कौन सी मानवता का परिचायक है।
ऐसा ही एक मामला जिले के सतबरवा प्रखंड क्षेत्र के सेहरा और बोहिता गांव के बीच सड़क किनारे महुआ पेड़ के नीचे लावारिस अवस्था में एक नवजात बच्ची पड़ी मिली. आसपास के लोगों ने बच्ची को देख कर अन्य लोगों को सूचना दी. मौके पर पहुंचे सेहरा गांव के निःसंतान दंपती कृष्णा साव और उनकी पत्नी चिंता देवी ने बच्ची को अपना लिया.
ग्रामीणों ने बताया कि एनएच 75 ट्रेनिंग कॉलेज के पास से लोहड़ी, सेहरा-बोहिता होते हुए लेस्लीगंज तक जानेवाली के सड़क किनारे सेहरा गांव की सुनसान जगह पर महुआ पेड़ के नीचे एक नवजात शिशु जिंदा हालत में झोले में रखा हुआ है. शिशु को सहेज कर एक कंबल में इस तरीके से रखा गया था कि उसे किसी तरह की खरोंच नहीं आ सके. खबर जंगल में आग की तरह फ़ैल गई और देखते ही देखते लोगों का हुजूम बच्ची को देखनेउमड़ पड़ा.
क्या कहती है मुखिया और सामाजिक कार्यकर्ता
बोहिता की मुखिया कलावती देवी ने बताया कि नवजात शिशु का हेल्थ चेकअप सेहरा प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से कराया गया. बच्ची की स्थिति अभी ठीक-ठाक है. गांव में लोग इस बच्ची को विद्या की देवी सरस्वती का रूप मान रहे हैं. बुधवार को खामडीह गांव में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की खुशी में लोग शामिल थे और आज यह बच्ची झोले में लावारिस हालत में मिली.
सामाजिक कार्यकर्ता लाल बिहारी प्रसाद ने बताया कि मामले की जानकारी पुलिस को दी गई है. बच्ची को देवी का रूप मानकर हम गांववासी इसका लालन-पालन करेंगे.
निःसंतान दंपत्ति ने कहा की
कृष्णा साव ने बताया कि बच्ची देवी का रूप लेकर उसके पास आयी है. इसे सरस्वती का रूप समझ कर अपने पास रख लिया है. चिंता देवी ने बताया कि उसे बड़ी खुशी हुई कि यह बच्ची हमें सारा सुख देगी. संतानहीन दंपती के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी.
मौके पर बाबूलाल प्रसाद, ललन साहू, श्याम बिहारी साहू, सत्येंद्र प्रसाद, राजदेव राम, मोहम्मद कलाम, जनेश्वर साहू , टीभू यादव, अनुज पांडे, ललन साहू, बाबूलाल प्रसाद, श्याम बिहारी प्रसाद, अनिल यादव, मोहम्मद कलाम, राजदेव राम, सुदेश्वर मोची समेत कई लोग मौजूद थे.