रांची। झारखंड में राजनीति गरम है। पहले हेमंत सोरेन और फिर विधायक दल की बैठक के बाद आये बयानों से साफ है कि फिलहाल हेमंत सोरेन अपनी कुर्सी पर जमे रहेंगे। हालांकि राजनीति के जानकार मानते हैं कि ये सिर्फ हालात को सामान्य बताने की कोशिश है, हकीकत तो यही है कि अंदर ही अंदर राजनीतिक भूचाल मचा हुआ है। इधर गांडेय से कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने की अटकलें तो हैं, लेकिन सौ टके का सवाल तो यही है कि पहले गांडेय में उपचुनाव क्या कराया जा सकता है?

भाजपा ने जिस तरह के कानूनी पेचिदगियां बतायी है, उससे एक बात तो साफ है कि शायद गांडेय में उपचुनाव ना हो, इस बीच झाऱखंड निर्वाचन आयोग ने इलेक्शन कमीशन को विधानसभा की रिक्त सीट की जानकारी भेज दी है। कहा जा रहा है कि निर्वाचन आयोग को उपचुनाव कराने की सिफारिश भेजी गयी है। अनुशंसा के साथ गांडेय सीट से इस्तीफे की कॉपी भी भेजी गयी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में 29 दिसंबर 2019 को सरकार का गठन हुआ था, मगर पंचम विधानसभा का गठन 6 जनवरी 2020 को हुआ था। इस लिहाज से सरकार गठन की तारीख से खाली हुई गांडेय सीट एक साल के अंदर आता है।

वहीं पंचम विधानसभा कि तारीख से देखें तो एक साल से अधिक का समय होता है। ऐसे में उपचुनाव कराने को लेकर अंतिम फैसला चुनाव आयोग पर निर्भर करता है। एक तरफ बीजेपी है कि, बता रही है कि झारखंड में उपचुनाव में कानूनी पेचदगियां है, दूसरी तरफ निर्वाचन पदाधिकारी ने उपचुनाव की अनुशंसा भेजी है। सस्पेंस में उलझी सियासत के बीच अब चुनाव आयोग को आखिरी फैसला लेना है कि आखिर उपचुनाव कराया जायेगा या नहीं ? आपको बता दें कि 31 दिसंबर 2023 को सरफराज अहमद द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद विधानसभा सचिवालय ने इसे स्वीकार करते हुए उसी तारीख से गांडेय सीट रिक्त होने की अधिसूचना 1 जनवरी को जारी की थी।

गांडेय विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होने पर सस्पेंस बरकरार है। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार तय समय से एक साल पहले खाली हुए विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा। हालांकि यह विधानसभा गठन की तारीख या सरकार के गठन की तारीख इन दोनों में से कौन सा मान्य होगा इस पर स्पष्ट वर्णन नहीं है।

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