रांची। पारा शिक्षकों को रिटायरमेंट के बाद लाभ लेने या मृत्यु उपरांत परिजनों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता के लिए कल्याण कोष में अपनी हिस्सेदारी जमा करानी होगी। कल्याण कोष का उल्लेख पारा शिक्षकों की नियमावली में पहले से ही दर्ज था। तय नियम के मुताबिक वैसे पारा शिक्षक जो साल 2028 तक रिटायर होंगे, उन्हें रिटायरमेंट के समय एकमुश्त 50 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं अगर पारा टीचर की मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रित को एक लाख रुपये मिलेंगे। अगले पांच से 10 साल के बीच सेवानिवृत्त होने पर एक लाख रुपये और मृत्यु के बाद आश्रित को एक लाख दिये जाएंगे।

कल्याण कोष का लाभ लेने के लिए विभाग ने पारा शिक्षकों के अंशदान तय कर दिये हैं। सहमति के मुताबिक कल्याण कोष का लाभ लेने के लिए पारा शिक्षकों को हर महीने 507 रुपए जमा कराने होंगे। यह राशि उनके बैंक खाते से कटेगी और कल्याण कोष में जमा होगी। ऐसा नहीं है कि ये स्कीम केवल सेवारत पारा शिक्षकों को ही इस कल्याण कोष का लाभ मिलेगा। यह लाभ वैसे पारा शिक्षकों को भी मिलेगा जो रिटायर कर चुके हैं। साथ ही जिनका निधन हो चुका है, उनके परिजनों को भी इसका लाभ मिलेगा।

तीन मार्च 2020 से 20 सितंबर 2023 तक सेवानिवृत्त हुए हैं या फिर जिनका निधन हो गया है, उन्हें भी राशि दी जाएगी। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक 2052 तक प्रदेश में 60 हजार से ज्यादा पारा शिक्षक सेवानिवृत हो जायेंगे। पिछले दिनों पारा शिक्षकों के संघ और परियोजना निदेशक किरण पासी के साथ हुई बैठक में कल्याण कोष को लेकर सहमति बनी है। जानकारी के मुताबिक यह राशि आगामी पांच साल से लेकर 25 वर्षों के लिए अलग-अलग होगी।

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