N. Ambika IPS Success Story: : बात जब जब दिल पर लगती है, तो फिर कामयाबी का सुरूर चढ़ जाता है। ना नाकामी का डर सताता है और ना ही हार जाने का खौफ होता है…और फिर मंजिल मिल ही जाती है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसी ही जुनूनी महिला की कहानी सुनायेंगे, जिन्होंने IPS बनकर ना सिर्फ खुद का सपना सच कर दिखाया, बल्कि समाज में वो मिसाल भी बना डाली, जो ये कहते रहते हैं कि शादी होने के बाद महिलाओं की दहलीज घर का आंगन और किचन की चाहरदिवारी के बीच ही सिमट जाती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं IPS अंबिका की, सिपाही की पत्नी अंबिका को बड़े अफसरों को सैल्यूट करते देख, दिल पर ऐसी बात लगी, कि फिर IPS बनकर ही दम लिया।

14 साल में हो गयी थी सिपाही से शादी
तमिलनाडु की रहने वाली अंबिका की सिर्फ 14 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी। दरअसल अंबिका के पति पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी करते थे । सरकारी नौकरी को देखते हुए परिवार ने छोटी सी उम्र में अंबिका की शादी कर दी और 18 साल की होते-होते वह दो बच्चों की मां भी बन गई। जिंदगी में सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने अंबिका के अंदर आईपीएस अधिकारी बने की ललक को जन्म दिया। आप सोच सकते हैं जिस लड़की की महज 14 साल में शादी हो गई हो जिसने मायके में बस दसवीं तक की पढ़ाई की हो, दो बच्चों की जिम्मेदारी के साथ आखिर ऐसा क्या हुआ जो उसने इतना बड़ा लक्ष्य साधने की ठान ली।

पति को सैल्यूट मारते देख दिल पर लगी बात
अंबिका की IPS बनने के पीछे की एक कहानी है। एक ऐसी घटना उनके जीवन में हुई जिसने उन्हें इतना बड़ा फैसला लेने की ओर प्रेरित किया । गणतंत्र दिवस का दिन था जब अंबिका अपने बच्चों के साथ गणतंत्र दिवस की परेड देखने पहुंची थी। परेड के दौरान अंबिका ने अपने कांस्टेबल पति को आईपीएस अधिकारियों को सैल्यूट मारते देखा। यह देखकर उनके मन में ये भाव आए कि आईपीएस अधिकारियों को कितना सम्मान मिलता है। यह बात उनके दिल को छू गई उन्होंने ठान लिया कि वह आईपीएस अधिकारी बनेगी।

पति को पूछा, किसे तुमने सैल्यूट किया
अंबिका ने पति से पूछा, उन्होंने जिन लोगों का सैल्यूट किया, वे कौन थे. पति ने बताया वे सीनियर अधिकारी थे. वैसा ही सीनियर अधिकारी बनने का ख्वाब उन्होंने मन में बसा लिया. बचपन में छूटी पढ़ाई फिर से शुरू की. गृहस्थ जीवन में रम चुकी दो बच्चों की मां रेगुलर तो पढ़ने नहीं जा सकी. डिस्टेंस मोड से पढ़ाई शुरू की. 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन की. ग्रेजुएशन के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करनी चाही, लेकिन जहां रहती, वहां यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए कोचिंग वगैरह की सुविधा नहीं थी. कोचिंग के लिए चेन्नई जाने का फैसला किया. बच्चों को छोड़कर जाना, मां के लिए दुनिया का सबसे मुश्किल काम है. अंबिका के लिए भी था. पति ने यकीन दिलाया. साथ दिया, बच्चों को संभाला, तब वे जा पाईं।

10वीं से UPSC तक की सफर
जब उन्होंने अपना यह फैसला अपने पति को बताया तो उन्हें लगा कि शायद वह कोई मजाक कर रही है। क्योंकि दसवीं तक पढ़ी अंबिका,जो दो बच्चों की मां भी थी वह अगर इस तरह की बात करती तो जाहिर सी बात थी उनके पति इसे मजाक ही समझते । दसवीं तक पढ़ी अंबिका ने शादी के बाद 12वीं और आगे तक की पढ़ाई पूरी की और यूपीएससी का सफर तय किया। पति ने भले ही इस बात को मजाक में लिया हो लेकिन अंबिका के लिए ये कोई मजाक नहीं था। वह अपने इस फैसले को लेकर काफी गंभीर थी। अंबिका ने शादी से पहले दसवीं तक की पढ़ाई की थी अब उन्होंने सबसे पहले 12वीं की पढ़ाई के लिए तैयारी की और परीक्षा पास की इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन किया । अब उनका लक्ष्य था यूपीएससी की तैयारी में जुटना। इसके लिए वह अपने पति और बच्चों के साथ चेन्नई शिफ्ट हो गई । यहां उनके पति ने ड्यूटी के साथ-साथ बच्चों को भी संभाला। पति का पूरा साथ मिलने से अंबिका मेहनत करती चली गई। हालांकि उनका आईपीएस बनने का सफर आसान नहीं था।

चौथी बार में IPS बनकर किया सपना पूरा
अंबिका ने इतना बड़ा लक्ष्य जरूर ठाना था लेकिन उसे पाना इतना आसान नहीं था। अंबिका को पहले तीन प्रयास में सफलता नहीं मिली लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। पहली बार, दूसरी बार और फिर तीसरी बार भी नाकामयाब रहने के बाद उनके पति की हिम्मत जरूर टूटी लेकिन अंबिका की हिम्मत नहीं टूटी थी। अंबिका ने कहा कि वह फिर एक आखरी बार कोशिश करना चाहती हैं और इस बार उन्होंने अपनी योजना में कुछ बदलाव किया और पढ़ाई की रणनीति बदलकर फिर तैयारी शुरू की। अंबिका की मेहनत रंग लाई और आखिरकार 2008 की यूपीएससी परीक्षा की मेरिट लिस्ट में अंबिका का नाम आ गया। अंबिका ने दिखा दिया कि अगर हिम्मत हो तो कोई भी सपना देखा जा सकता है और उसे पूरा भी किया जा सकता है।

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