रांची: मनरेगा आयुक्त की बीडीओ राजेश्वरी बी ने काम में लापरवाही बरतने के आरोप में संविदा पर कार्यरत प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी गोविंदपुर जीतेन्द्र कुमार व खरनी ग्राम पंचायत, गोविंदपुर के ग्राम रोजगार सेवक अमित कुमार को कार्य से मुक्त करने का आदेश दिया है। मनरेगा आयुक्त ने इसके अलावा प्रखंड विकास पदाधिकारी गोविंदपुर कार्यशैली में सुधार लाने का निर्देश दिया है, ऐसा नहीं करने पर विभागीय कार्यवाही चलाने की चेतावनी भी दी है। मनरेगा आयुक्त ने हाल में क्षेत्र भ्रमण किया था,जिसमें उन्होंने कई गड़बड़ियां पाई और कार्रवाई का आदेश दिया।

ग्राम साधोबाद में सुबोध प्रसाद चौधरी के जमीन पर समतलीकरण योजना का निरीक्षण किया था। यह पाया कि दो साल से मजदूरों के पास जॉब कार्ड उपलब्ध नहीं है,मजदूरों का सत्त्यता प्रमाणित नहीं हो पा रहा है। वहीं, जॉब कार्ड उपलब्ध कराने में प्रखंड से भी कोई प्रयास नहीं हुआ। मजदूरों के बुनियादी हक, जैसे कितने दिन काम मिला इत्यादि की कोई जानकारी नहीं थी। इसके अलावा कई गड़बड़ी पाई। इसी तरह लालू रवानी के जमीन पर 2017-18 में डोभा बनना शुरू हुआ, फिर बंद कराया गया। फिर 2021-22 में इस काम शुरू हुआ। बीडीओ ने इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बागवानी के काम में भी गड़बड़ी पाई गयी। योजनाओें के निर्माण में जेसीबी मशीन का भी उपयोग किया गया।

सीएम ने नियमितीकरण की घोषणा कई बार की

इधर, ग्रामीण विकास विभाग ने दो संविदा कर्मियों को सेवा से मुक्त करने का आदेश दिया है ये दोनों मनरेगा से नियुक्त है।

इससे पहले भी मनरेगा कर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं,दूसरी तरफ राज्य के मुख्यमँत्री हेमंत सोरेन ने अनुबंध कर्मियों को नियमित करने की बात कई बार कही है। हाल में भी उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी अनुबंध कर्मियों को सेवा से नहीं हटाया जायेगा। सीएम ने इसके लिए नियमावली भी लाने की घोषणा की है। इधर, मनरेगा कर्मियों को सेवा से हटाने के आदेश से कई कर्मियों में रोष है।

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