Yoga for Dizziness: चक्कर आना सामान्य बात है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। स्नान करते समय, वाहन चलाते समय, सीढ़ियां चढ़ते-उतरते वक्त चक्कर आने से गिरने से हड्डी टूटने का, सिर में चोट लगने और बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। यह अवस्था गंभीर होती है। अतः चक्कर की समस्या का समाधान करना अत्यधिक आवश्यक है। चक्कर आने के अनेक कारण होते है।

क्यों आते हैं बार-बार चक्कर
मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम होना तथा गांठ (ट्यूमर) होना, गर्दन या सिर दर्द, सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस, मस्तिष्क के एक भाग में रक्त संचार कम होना, गर्दन पर कसकर कॉलर या टाई बांधना, ऊंचे तकिया पर सोना, एक ही करवट लेकर रोज सोने की आदत, देर रात तक लेटकर टीवी देखना, उच्च या निम्न रक्तचाप, पेट में कोलाइटिस, बार-बार पतले दस्त होना, की-बोर्ड और कम्प्यूटर पर लगातार काम करना, गर्दन झुकाकर ड्राइंग, पेंटिंग, कढ़ाई आदि कार्य करना, उपवास या प्रवास अधिक करना, भोजन समय पर न लेना जैसे अनेक कारणों से चक्कर आते है।

षण्मुखी मुद्रा
इस मुद्रा में अंगूठे से कानों को बंद तथा बाकी उंगलियां आंख के सामने रख कर बैठा जाता है। अब उस अंग पर ध्यान दीजिए, जहां कोई विकार है। 15 मिनट धीरे धीरे श्वास प्रश्वास कीजिए और फिर आंखे खोल लीजिए। इस अभ्यास को 15 मिनट 3 बार दोहरा सकते हैं।

उष्ट्रासन
घुटनों पर खड़े हो कर पीछे झुक कर दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़ें। गर्दन पर तनाव न पैदा होने दें। 30 से 60 सेकंड रुकने के बाद सामान्य स्थिति में आए।

कंध संचालन
हाथों को घुटने पर रख कर रीढ़ को सीधा रखते हुए कंधों को गोल घुमाएं, दोनों दिशाओं में 10 10 बार।

हलासन
हलासन से कंधों और गर्दन को मजबूती मिलेगी। सर्वाइकल के कारण आने वाले चक्कर में आराम मिलेगा।

बालासन
यह आसन शरीर और मन को गहरी विश्रांति देता है। तनाव और ब्लड प्रेशर के कारण आने वाले चक्कर को ठीक करता है।

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