रायपुर/रांची। झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में थे। इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। श्री हेमंत सोरेन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे। आदिवासियों का सदियों तक शोषण हुआ है। उनकी सरकार आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही सबके विकास के लिए कार्य कर रही है। मुझे इस मंच में आकर गौरव महसूस हो रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी नृत्य महोत्सव कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि आदिवासियों के बीच हमारी पकड़ से कुछ लोग घबरा रहे हैं। नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मंच नहीं है अन्यथा और भी बातें होतीं। घबराहट का उदाहरण अखबार, टीवी, रेडियाे व अन्य माध्यमों से आप तक पहुंच रहा होगा। हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में आदिवासी, पिछड़ों और दलितों की अनदेखी की बात उठाते हुए कहा कि देश का विकास किसी एक वर्ग से संभव नहीं है। यहां विविधता में एकता है और यही इस देश की मजबूती भी है।

झारखंड के मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने आगे कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में इतनी समानता है कि दोनों राज्यों के कई ऐसे क्षेत्र है। जहां पता लगाना मुश्किल है कि यह क्षेत्र दोनों राज्यों में से किस राज्य का है। वास्तव में झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों भाई है। दोनों राज्य के लोगों के राज्यों के लोगों का एक-दूसरे के राज्य में आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से पूरे देश और दुनिया में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, जो सदियों से संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष में इसी आयोजन में शामिल होने रायपुर आया था। यहीं की प्रेरणा से झारखंड में विश्व आदिवासी दिवस मनाया, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी शिरकत की थी। श्री सोरेन कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के जरिए यह संदेश देने का भी सफल प्रयास किया गया है कि जब तक सभी वर्गों का विकास नहीं होता तब तक देश का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, बंगाल और अन्य राज्यों में आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों की समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है। देश को विकसित रूप में देखना चाहते हैं तो इस स्थिति में बदलाव करना होगा कि एक ही वर्ग पूरे देश का मार्गदर्शन करे। यहां विविधता है, अलग-अलग बोलचाल, धर्म मजहब के लोग हैं और इसके बावजूद देश की एकता को पूरी दुनिया लोहा मानती है। जब तक सभी वर्गों का विकास ना हो, देश के विकास की बात करना बेमानी है। विभिन्न राज्यों में गुब्बारा फुलाने से हम विकसित नहीं हो सकते। हकीकत मानने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए।

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