रांची। झारखंड में शिक्षक भर्ती परीक्षा शुरू होने के पहले सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी खबर आयी है। झारखंड शिक्षक भर्ती का परिणाम सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित रहेगा। कोर्ट ने बिना अनुमति रिजल्ट जारी करने पर भी रोक लगा दी है। दरअसल झारखंड टेट पास अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती थी, जिसके तहत अन्य राज्यों के टेट पास अभ्यर्थी व CTET पास अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल होने की इजाजत दी गयी थी।

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने बिना अनुमति परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। याचिका में कहा गया है कि झारखंड टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट यानि जेटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं संथाली, खोरठा, नागपुरी आदि का ज्ञान है, क्योंकि, उन्होंने इन पत्रों की परीक्षा पास की है। लेकिन, सीटेट (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) अभ्यर्थियों के पास ऐसी क्षेत्रीय भाषाओं का ज्ञान नहीं है।

ऐसे में अगर ऐसे शिक्षक की नियुक्ति जब झारखंड के प्राइमरी स्कूलों में होगी तो उन्हें राज्य की क्षेत्रीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी होगी और इसके साथ ही यह राइट टू एजुकेशन के प्रावधानों का उल्लंघन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में निर्धारित की है और तब तक नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जारी करने पर रोक लगाई है। आपको बता दें कि पहली से 5वीं तक स्कूलों के लिए शिक्षकों की भर्ती परीक्षा कल से शुरू होने वाली है।

झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों परिमल कुमार एवं अन्य की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है। याचिका में झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें दूसरे राज्यों की टेट (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा या सीटेट (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा पास अभ्यर्थियों को भी इस नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। हाईकोर्ट ने यह फैसला दिसंबर, 2023 में झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखा।

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