रांची: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान अब अनुबंध और संविदाकर्मियों पर है। पिछले कई मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ये बातें कह चुके हैं कि अनुबंधकर्मियों को सामाजिक सुरक्षा मिले, इसकी चिंता राज्य सरकार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार बहुत ही गंभीरता से इस बात पर विचार कर रही है कि संविदाकर्मियों को नियमित किया जाये। जल्द ही इसे लेकर नियमावली लाने पर भी सरकार विचार कर रही है। इधर कैबिनेट में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिटारे से संविदा और अनुबंधकर्मियों के हित में कई बड़े फैसले लिये गये। एक तरफ जहां होम्योपैथिक मेडिकल कालेज के अनुबंधकर्मियों को राज्य सरकार ने नियमित कर दिया, तो वहीं हाईकोर्ट में कार्यरत संविदाकर्मियों के मानदेय में डेढ़ गुणा वृद्धि की गयी।

अनुबंधकर्मियों को लेकर फैसला

ईकोर्ट प्रोजेक्ट के तहत झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची एवं  राज्य के सभी अधीनस्थ व्यवहार न्यायालयों में संविदा  आधारित सृजित 

  • सिस्टम सहायक, सिस्टम ऑफिसर ( System Officer) एवं सीनियर प्रोग्रामर (Senior Programmer) के मासिक संविदा राशि में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई। इन अनबंधकर्मियों का मानदेय 50 हजार रूपये तक बढ़ाया गया है। 
  • राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, परसपानी, गोड्डा में अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई
  •  विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध रिक्त पदों पर घंटी आधारित संविदा पर नियुक्त शिक्षकों के पैनल का अवधि विस्तार दिनांक 31.03.2023 तक करने की स्वीकृति दी गई।
  • झारखण्ड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम, 2001 (यथा संशोधित) में संशोधन हेतु विधेयक, 2022 की स्वीकृति दी गई।

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