धनबाद/ साहेबगंज। राज्य भर में NHM कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल में मिलने वाली हर सुविधा बंद हो गई है। मरीज अस्पतालों से बिना इलाज कराए लौटने को मजबूर हो रहे हैं , वहीं अधिकारियों को व्यवस्था बहाल रखने पसीने निकल रहे है।
आपको बता दें की 16 जनवरी को सीएम आवास के घेराव के बाद 17 जनवरी से एनएचएम कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पर चले जाने से राज्य भर की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। अधिकारी लाख दावे कर रहे हों परंतु हकीकत कुछ और हीं है। परंतु सच्चाई ये है की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था अनुबंध कर्मियों के भरोसे चल रही थी। इसमें सभी प्रकार की जांच, डिलीवरी, प्रतिरक्षण, अस्पतालों में मरीजों की इलाज और देखभाल की व्यवस्था, ओपीडी, आईपीडी एवम अन्य सभी कार्यों पर बुरा असर पड़ा है। राज्य भर के अनुबंध कर्मी पूरी तरह से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं।हड़ताल के कार्यक्रम में कर्मी जहां राज्य में राज भवन के सामने धरना दे रहे हैं वही जिलों में सिविल सर्जन ऑफिस के सामने धरना दे रहे हैं।
आपको बता दें विगत 15 सालों से भी लंबे समय से ये अनुबंध कर्मी विभाग में कार्यरत है और बिना किसी अन्य सुविधा के अल्प मानदेय पर कार्यरत है। बार बार आश्वाशन मिलने के बाद सरकार द्वारा नियमितीकरण का कार्य पूर्ण करने की दिशा में कोई सकारात्मक पहल नही की गई।
मसलन इस संबंध में एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल की कई दौर की वार्ता के बाद सिर्फ आश्वाशन मिलता रहा। मजबूर होकर कर्मियों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया।
नियमितीकरण है प्रमुख मांग
जिले के सिविल सर्जन कार्यालय के सामने अनुबंध कर्मियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना दिया। जिसमे जिले भर के NHM कर्मी शरीक हुए। सरकार विरोधी नारों के साथ सिविल सर्जन कार्यालय गूंज उठा। सभी प्रखंडों से आए स्वास्थ्य कर्मी और सदर अस्पताल में कार्यरत कर्मी के हड़ताल पर चले जाने से जिले भर स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर पड़ा। NHM कर्मियों के आंदोलन में ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन के साथ साथ अन्य संगठनों का पूरा सहयोग मिल रहा है।