धनबाद । स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिले भर में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। 28 मार्च को जिले के बलियापुर और गोविंदपुर प्रखंड में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। मेले के लिए विभाग के तरफ से प्रत्येक मेले के आयोजन के लिए 1 लाख रुपए की राशि आवंटित की गई है। मेले के आयोजन को लेकर जिले के सिविल सर्जन डा आलोक विश्वकर्मा ने 15 मार्च को ही निर्देश जारी किया था, वावजूद इसके अलग अलग तरह कार्यक्रम के मद्देनजर मेले के आयोजन में देरी हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी प्रखंडों में 29 मार्च तक स्वास्थ्य मेले का आयोजन कर लिया जाना है।

जनप्रतिनिधि के साथ BDO ने किया मेले का उद्घाटन

गोविंदपुर प्रखंड में स्वास्थ्य मेले के उद्घाटन जिला परिषद सदस्य मो शोहराब अंसारी और BDO ने फीता काटकर किया। मौके पर सांसद प्रतिनिधि बलराम साव मौजूद थे। मेले में लगाए गए सभी स्टॉल का जायजा लिया। एवम आवश्यक निर्देश भी दिए। आयुष चिकित्सक को सीएचसी में ओपीडी सुचारू रूप से चलाए जाने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने निर्देश दिया ताकि देशी चिकित्सा प्रणाली से भी इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सके।

स्टॉल का निरीक्षण करते उद्घाटनकर्ता

अतिक्रमण और गंदगी देख भड़के जन प्रतिनिधि और बीडीओ

सीएचसी परिसर के अतिक्रमण और गंदगी देख जन प्रतिनिधि भड़क गए। जिला परिषद सदस्य मो शोहराब अंसारी ने कहा की अंचल अधिकारी से कैम्पस के जमीन की मापी कराई जाएगी और सीएचसी परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा, साथ ही गंदगी फैलाने वालों पर कारवाई की जाएगी। अस्पताल में साफ सफाई एक अहम मुद्दा है जिसपर समीक्षा की जाएगी अगले 1 वर्ष में सीएचसी गोविंदपुर में साफ सफाई का बेहतर प्रबंधन किया जाएगा।

मेले से भीड़ नदारद

नहीं पहुंचे अनुमान के मुताबिक रोगी

विभाग के निर्देश के अनुरूप प्रचार प्रसार नहीं होने से प्रखंड अंतर्गत लोगों को पर्याप्त जानकारी नहीं हो पाई जिस वजह से मेले से भीड़ नदारद दिखी। दोपहर 12 बजे तक इक्का दुक्का ही रोगी स्टॉल पर दिखे। मेले में जितनी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराया गया उतनी संख्या लगभग हर दिन ओपीडी, प्रतिरक्षण एवम अन्य विभागों में रहती है। मतलब साफ है की मेले सिर्फ और सिर्फ पैसे की बंदरबांट है। जिसमें रोगी को फायदा कम और सरकारी राशि का दुरुपयोग ज्यादा दिखती है।

स्टॉल पर नहीं थी भीड़

मेले में लगाए गए स्टॉल में एलोपैथी के डा सोमा राय, डा अपूर्वा दत्ता, डा हरिनारायण प्रसाद, डा तोयज शुक्ला के साथ साथ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा एच रहमान और आयुष के चिकित्सक मौजूद थे। परंतु भीड़ के नहीं रहने के कारण स्टॉल में बैठना नागवार गुजर रहा था।

जन्म प्रमाण पत्र नहीं देने की मिली शिकायत

उपस्थित पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि को सबसे ज्यादा शिकायत जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिलने से संबंधित था।उपस्थित लोगों द्वारा शिकायत की गई की 3 -3 साल से जन्म प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। कभी ऑनलाइन का हवाला तो कभी बेफिजूल का अड़ंगा लगाकर जन्म प्रमाण पत्र नहीं देने का आरोप लगाया। संस्थान द्वारा सिर्फ सीएचसी में जन्म लिए बच्चे का ही प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने के प्रावधान के वावजूद इतने लंबे समय तक प्रमाण पत्र निर्गत नही होने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी भी आरोपों के घेरे में हैं।

मालूम हो की जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले कर्मी बिजेंद्र कुमार को जिले के सिविल सर्जन और वरीय पदाधिकारी कई बार फटकार लगा चुके है। वावजूद इसके जन्म प्रमाण पत्र लाभुक को नहीं मिल पाना समझ से परे है। समय पर जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिलने से सरकार द्वारा दी जाने वाली कई सुविधा का लाभ, स्कूल में नामांकन नहीं होने जैसी समस्या उत्पन्न होती है। जिसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ता है। जबकि इसके पीछे लेन देन की बात भी सामने आ रही है।

स्वागत करते प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...