गांधीनगर। पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा को अवैध रूप से भूमि आवंटन मामले में गिरफ्तार किया है। पूर्व अधिकारी पर कच्छ जिले के कलेक्टर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान साल 2004-05 में कम कीमत पर अवैध रूप से भूमि आवंटित करके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पी.सी. सोनी की अदालत ने शर्मा को 3 दिन के लिए सीआईडी की हिरासत में भेज दिया है। सीआईडी ने 7 दिन की रिमांड मांगी थी। ज्ञात हो कि प्रदीप शर्मा पर इससे पहले भी कच्छ के कलक्टर रहने के दौरान कई भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोप लगे हैं। ईडी की ओर से भी उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। 2014 में गुजरात एसीबी की ओर से भी शर्मा को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

1984 बैच के आईएएस अधिकारी रहे प्रदीप शर्मा के विरुद्ध नया मामला चार मार्च 2023 को कच्छ जिले के सीआईडी क्राइम बॉर्डर जोन थाने में दर्ज किया गया है। यह मामला गांधीधाम के मौजूदा तहसीलदार भगीरथ सिंह झाला ने दर्ज कराया है। इसमें शर्मा के अलावा भुज के तत्कालीन निवासी उप कलक्टर फ्रांसिस सुवेरा व तत्कालीन भुज के नगरनियोजक नटू देसाई को भी आरोपी बनाया गया है।

एफआईआर के तहत यह मामला 8 नवंबर 2004 से 3 मई 2005 के दौरान हुआ है। प्रदीप शर्मा दो मई 2003 से तीन जून 2006 तक कच्छ जिला कलक्टर थे। आरोप है कि इस दौरान शर्मा ने गांधीधाम तहसील के चुडवा गांव में जमीन को बहुत की कम दामों पर आवंटित कर दिया। इसमें पद का दुरुपयोग करने और सरकारी दिशा-निर्देशों व आदेशों की गलत तरीके से व्याख्या करने और अन्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

गांव की 1 एकड़ से ज्यादा जमीन को कीर्तिकुमार ठक्कर को आवंटित किया गया है। यह जमीन अतिक्रमण वाली न होने के बावजूद भी इसे टेक्निकल अतिक्रमण मानते हुए बाजार कीमत की तुलना में काफी कम कीमत में जमीन का मूल्यांकन करते हुए इसे कीर्तिकुमार की याचिका पर जमीन को उनके नाम पर नियमित कर दिया था। इससे सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ।

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