रांची। हेमंत सरकार की नजर 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव पर भी है। चुनाव के पहले ही कैबिनेट ने प्रदेश के किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के किसानों को राज्य सरकार ने बोनस देने का फैसला लिया है। किसानों को प्रति क्विंटल 117 रुपये धान का बोनस सरकार देगी। इस फैसले से दो लाख से ज्यादा किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। अब किसानों को धान का समर्थन मूल्य लगभग 2300 रुपये मिलने लगेगा।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार ने सामान्य धान का एमएसपी 2183 रुपए व ग्रेड वन धान का एमएसपी 2203 रुपए तय किया है। ऐसे में अगर राज्य सरकार सामान्य धान की खरीदारी के एमएसपी पर 117 रुपए का बोनस मिलने के बाद किसानों को प्रति क्विंटल 2300 रुपए का भुगतान करेगी। सरकार ने वर्ष 2022-23 में किसानों को एमएसपी पर प्रति क्विंटल 10 रुपए का बोनस दिया था। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में सामान्य किस्म के धान पर 2,040 रुपए और ए-ग्रेड के लिए 2,060 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया था है।

राज्य सरकार ने दोनों ही किस्म के धान पर 10-10 रुपए का बोनस दिया था। इससे किसान को सामान्य किस्म के धान पर 2,050 रुपए, जबकि ए-ग्रेड के लिए 2,070 रुपए प्रति क्विंटल मिला था।अब झारखंड में किसानों को धान का समर्थन मूल्य की किसानों को लगभग 2300 रुपये मिलने लगेगा। हालांकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ ये ये अभी भी करीब 800 रुपये प्रति क्विंटल कम होगा। यहां भाजपा सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य देने का ऐलान किया है।

कैबिनेट की बैठक में आज शिक्षा विभाग, पथ निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई अहम फैसले लिये गये। प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगी। आज की बैठक में जहां लंबे समय से गायब चल रही महिला डाक्टर को पद से बर्खास्त कर दिया गया, वहीं गढ़वा के सिविल सर्जन रहे तुलन हेंब्रम को भी कैबिनेट से राहत नहीं मिल पायी।

करीब तीन घंटे से ज्यादा वक्त तक चली बैठक में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ चिकित्सकों के हायर एजुकेशन को लेकर अहम फैसला लिया गया, वहीं स्कूल शिक्षा विभाग के जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। स्कूलों में बढ़ रहे सामान्य वर्गों के बच्चों का स्टाइपेंड जहां बढ़ गया, तो वहीं बच्चों को वितरित की जाने वाली कॉपी की राशि के संदर्भ में भी अहम निर्णय लिया गया। धान के समर्थन मूल्य के साथ अब हेमंत सरकार ने किसानों को धान का बोनस देने का भी फैसला लिया है।

उच्च शिक्षा के लिए इच्छुक चिकित्सकों के संदर्भ में कैबिनेट ने बड़ा अहम फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग के गैर शैक्षणिक स्वास्थ्य सेवा के चिकित्सा पदाधिकारियों के मामले में नियम 243 को खत्म करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस फैसले के बाद अब चिकित्सा अधिकारियो को उच्च शिक्षा की आसानी से अनुमति मिल जायेगी।दरअसल पहले इस नियम की वजह से 1 साल की पोस्टिंग अनिवार्य होती थी, लेकिन अब उस नियम को सिथिल कर दिया गया है।
डॉ रजनी रूपम चिकित्सा अधिकारी देवरी गिरिडीह को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। 2021 से ये चिकित्सक गायब थी। कई बार की नोटिस के बाद भी जब ये उपस्थित नहीं हुई, तो कैबिनेट ने इन्हें बर्खास्त कर दिया।

डॉ तुनल हेंब्रम सिविल सर्जन की अपील को कैबिनेट ने खारिज कर दी है। कैबिनेट के फैसले के बाद राहत की उम्मीदें खत्म हो गयी है।
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चलेगा।

राज्य की नयी स्टार्टअप नीति को कैबिनेट से मंजूरी दी गयी है।

180 प्रस्वीकृत मदरसों व 11 अराजकीय संस्कृत विद्यालयों में पदस्थ कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इन स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों व कर्मचारियों को भी NPS और OPS का विकल्प दिया जायेगा। कर्मचारी उनमें से किसी एक को चुन सकेंगे। कैबिनेट ने आज इसे लेकर प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।

स्कूलों में मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृति योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि में संशोधन किया गया है। इसके तहत 1 से 5 कक्षा तक के सामान्य वर्ग के छात्रों को 1500 रुपये प्रतिवर्ष की दर से छात्रवृति दी जायेगी, जबकि कक्षा 6 से 8 तक के छात्र छात्राओं को 2500 रुपये के दर से छात्रवृति दी जायेगी। 1लाख 32 हजार से ज्यादा बच्चों को छात्रवृति का लाभ दिया जा रहा है। सरकार इस पर 25 करोड़ की राशि खर्च करेगी।

राज्य के 1353 नव उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में योजना मद में स्वीकृत पदों को गैर योजना मद में हस्तांरित करने की स्वीकृति दी गयी।

स्कूल शिक्षा विभाग के 280 नव उत्क्रमित प्लस टू विद्यालयों में योजना मद में सृजित किये गये पद में गैर योजना मद में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

सरकारी स्कूल में वर्ग से 12 तक में नामांकित सभी वर्ग के छात्र छात्राओं को उपलब्ध करायी जा रही कॉपी की राशि में वृद्धि को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। पहले 80 पेज की कॉपी की कीमत 20 रूपये निर्धारित थी, अब 120 पेज की कॉपी की कीमत 20 रूपये निर्धारित की गयी है। अभी मौजूदा वक्त में 9 लाख बच्चों को ये कॉपी उपलब्ध करायी जा रही है।

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