सरायकेला खरसवां । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने अपने ननिहाल में सोहराय पर्व मनाया। हेमंत अपने पूरे परिवार के साथ सरायकेला-खरसवां जिला के चांडिल प्रखंड अतंर्गत धातकीडीह पहुंचे। इस दौरान हेमंत सोरेन, उनके पिता गुरुजी शिबू सोरेन और परिवार के अन्य लोग मौजदू थे। हेलीकॉप्टर से उतरते ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। आदिवासी रीति-रिवाज से सीएम एवं गुरुजी का पैर धुलाया गया और फिर महिलाओं ने पारंपरिक रीति-रिवाज से ननिहाल में मुख्यमंत्री का स्वागत हुआ।

इस दौरान राज्यपाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लिफाफा को बंद ही रहने दें। जब खुलेगा तब देखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे झामुमो हर संघर्ष को तैयार है। जब राज्य की जनता उनके साथ है, तो किसी भी लिफाफे की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

सोहराय पर्व को लेकर अपने ननिहाल पहुंचे सीएम खुद ढोल बजाते दिखे। इस दौरान गुरु खुटान में भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा हम लोग सपरिवार सोहराय पर्व मनाने मामा घर पहुंचे हैं। ननिहाल मेरे लिए बहुत बड़ा सौगात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आकर अपने बचपन की यादों को ताजा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि मामा घर के छोटे-छोटे बच्चे बड़े हो गए हैं। धातकीडीह में ग्रामीणों ने आदिवासी रीति-रिवाज के साथ ढोल-मांदर की थाप पर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब दो घंटे तक अपने ननिहाल में ठहरे। सोहराय पर्व में खासकर गुड़ पीठा और छिलका पीठा खाने का रिवाज है। सीएम हेमंत सोरेन अपने ननिहाल में गुड़ पीठा और छिलका पीठा खाकर सोहराय पर्व की याद को ताजा किया।

शिबू सोरेन भी ससुराल पहुंचे. यहां पहुंचने पर पारंपरिक रीति-रिवाज से इनका भी भव्य स्वागत किया गया. ससुराल के लोगों ने नये वस्त्र भेंट किये।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...