रांची । हेमंत सरकार भ्रष्ट्राचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई हुई है। ऐसा ही एक मामला शिक्षा विभाग के पदाधिकारी का है, जिनपर पद पर रहते कई आरोप लगे है। मामला तब का है जब तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी पूनम कुमारी वर्ष 2018-21 तक दुमका में पदस्थापित थी. इस दौरान अवैध रूप से राशि की निकासी करने, परियोजना बालिका उच्च विद्यालयों के शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मियों के सेवा नियमितीकरण व अनुमोदन एवं वेतन और बकाया भुगतान संबंधी दिशा-निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन करने, उच्च न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश के प्रतिकूल कार्य करना एवं न्यायिक वादों के निष्पादन में लापरवाही बरतने आदि प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित आरोपों के लिए विभागीय कार्यवाही संचालित की गई थी. संचालन पदाधिकारी ने 27 सितंबर, 2021 को सौंपे जांच प्रतिवेदन में कई आरोप प्रमाणित प्रतिवेदित किए. जिसके बाद विभाग द्वारा उनके पेंशन की राशि से 10% की कटौती का आदेश जारी किया गया।

क्या थे आरोप

1) मनोज कुमार साह (लिपिक, प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय, काठीकुंड एवं संतोष कुमार मंडल (लिपिक, प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय, गोपीकांदर) को नियम विरुद्ध षडयंत्र के तहत किये गये अवैध ढंग से सेवा के लिये वेतन भुगतान कर सरकारी खजाने से अवैध रूप से राशि की निकासी कर वर्ष 1984 के परियोजना बालिका उच्च विद्यालयों के शिक्षक/ शिक्षकेत्तर कर्मियों के सेवा नियमितीकरण / अनुमोदन एवं वेतन तथा बकाया भुगतान संबंधी दिशा-निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन करना

2) गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक राजेश कुमार की नियुक्ति स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक (विषय- इतिहास / नागरिक शास्त्र) के पद पर नियुक्ति तथ्यों को छिपाकर अनुशंसा करना.

3) निदेशक, माध्यमिक शिक्षा के पत्रांक- 12, दिनांक 02.01.2020 के द्वारा निर्देशित अनुदेशों के अनुपालन में लापरवाही बरतना.

4) प्रशासनिक पदाधिकारी पर बिना किसी साक्ष्य के गंभीर प्रकृति का आरोप लगाना.

5) दिनांक 24.01.2019 को सम्पन्न जिला शिक्षा स्थापना समिति की अपूर्ण बैठक में स्वयं के हस्ताक्षर से कार्यवाही अंकित कर 23.01.2019 को सम्पन्न बैठक का हवाला देकर शिक्षकों की नियुक्ति करना.

6) +2 जिला स्कूल, दुमका में नियम विरूद्ध गैर अर्हताधारी शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य के कार्य के लिए प्राधिकृत करना.

7) समग्र शिक्षा अभियान, झारखंड शिक्षा परियोजना, दुमका के कार्यों में लापरवाही बरतना

8) विभागीय निर्देश की अवहेलना कर विजय कुमार (सहायक शिक्षक, मध्य विद्यालय गन्द्रकपुर अंचल शिकारीपाड़ा) को गैर शिक्षण कार्य के लिए कार्यालय में प्रतिनियुक्त रखना.

(9) उच्च न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश के प्रतिकूल कार्य करना एवं न्यायिक वादों के निष्पादन में लापरवाही बरतना.

10) उपरोक्त कार्य कर झारखंड सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 के नियम के प्रतिकूल आचरण करना.

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