सीवान। शिक्षा विभाग का आदर्श अफसर एक नंबर का बेईमान निकला। छापेमारी में DEO के ठिकानों से अब तक करोड़ों की संपत्ति जब्त हुई है। इसमें से 16 लाख रुपये तो सिर्फ कैश है। मामला सीवान का है, जहां जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार के ठिकानों पर निगरानी विभाग की टीम ने दबिश दी है। पटना, सीवान स्थित आवास और कार्यालय पर छापेमारी में अब तक 16 लाख से ज्यादा कैश मिल चुके हैं, जबकि करोड़ों की प्रापर्टी का भी पता चला है।

हैरानी की बात ये है कि DEO मिथिलेश कुमार को हाल में उत्कृष्ट अफसर बताते हुए राज्यपाल ने सम्मानित किया था। डीईओ मिथिलेश कुमार अप्रैल में अपने अच्छे कार्यों के लिए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें विभिन्न तरह के परीक्षाओं को सही, व्यवस्थित और सुचारु रुप से संचालित करने के लिए दिया गया था।मिथिलेश कुमार के आवास, कार्यालय से 16.075 लाख रुपए कैश, ज्वेलरी, 7 जमीन और 5 फ्लैट के कागज सहित अन्य चीजें बरामद की।

कमाल की बात ये है कि पैसे भले ही लापरवाही के साथ रखे गये थे, लेकिन घूस का रिकार्ड बहुत ही सलीके से तैयार किया गया था। डीईओ ने किससे कब, कहां, किस काम के लिए, दिन, समय, कितने पैसे लिए है। इसका रिकार्ड रखा है। इसके साथ ही कितना बकाया है और पैसा नहीं दिए जाने की स्थिति में किस जगह पर काम को लटकाना है। इसका पूरा रिकॉर्ड रखा है। किसका काम नहीं करना है, इसका भी हिसाब लिखा गया है।

निगरानी विभाग द्वारा बरामद पैसे एक पॉलिथीन में रख करके पेपर में लपेट हुए थे और उसे कार्टून में रख करके फेंके गए थे। उसके ऊपर बेकार कपड़े पड़े हुए थे। जिससे पैसे के बारे में कोई जानकारी नहीं हो सके। निगरानी विभाग द्वारा बरामद नोट 500-500 के 16 गड्डी के बने हुए थे। नोट के ऊपर उसकी संख्या भी पेंसिल से लिखी गई थी। कार्यालय में मिथिलेश कुमार फाइलों के बीच में पैसे छुपाए थे।

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