रांची। झारखंड प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हैं। दोनो अधिकारी पर शत प्रतिशत प्रमाणित नहीं होने पर विभाग की तरफ से चेतावनी जारी करते हुए निंदन सजा का आदेश जारी किया है। मालूम हो की दोनो अधिकारी विभाग के महत्वपूर्ण पद बीडीओ और सीओ के पद पर थे। राज्य सरकार ने झारखंड प्रशासनिक सेवा के दो पदाधिकारियों को अलग-अलग मामले में निन्दन की सजा दी है.

इन पर हुई कारवाई

तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी, बरवाडीह, लातेहार राकेश सहाय को चेतावनी देते हुए को निंदन की सजा दी है. उनके खिलाफ मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही, अनियमितता सहित कई आरोप लगे थे. उपायुक्त ने फरवरी 2023 में उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी. रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन, डीले पेमेंट सहित अन्य आरोप लगे थे. मामले की जांच के दौरान सभी आरोप पूरी तरह से प्रमाणित नहीं पाये जाने के बाद अब सरकार की स्तर पर उन्हें सिर्फ निंदन का दंड देकर छोड़ दिया गया.

इसी तरह तत्कालीन अंचल अधिकारी, मधुपुर परमेश्वर कुशवाहा को भी निंदन की सजा दी गयी है. उनके खिलाफ उपायुक्त देवघर ने फरवरी 2023 को दाखिल-खारिज के काम में गड़बड़ी, ऑनलाइन लगान भुगतान कार्य में लापरवाही-उदासीनता इत्यादि आरोप लगाये थे. पूरे मामले में दो बार स्पष्टीकरण हुआ. इसके बाद सरकार ने समीक्षा कर उन्हें निंदन की सजा दी है. इस संबंध में कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दिया है.

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