रांची मां के लिए बेटी नही बेटा थी संध्या,जब ये बातें खुद एसआई संध्या टोपनो की मां ने बताई तो इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है की संध्या अपने काम को लेकर कितना संजीदा रहती थी। संध्या की मां ने बताया की जबतक उसके पापा जीवित थे उन्होंने पुलिस विभाग में आने से मना किया। परंतु शुरू से पुलिस वर्दी का शौक रखने वाली संध्या MBA करने के बाद भी चुपके से फॉर्म भरा और बन गई एसआई।

सबकी चहेती थी संध्या ,रात्रि 11 बजे ड्यूटी लिए निकली थी आखिरी बार

संध्या अपने विभाग से लेकर परिवार जनों तक सब की चहेती थी। 3 भाई बहन में मांझील थी संध्या,बड़ी बहन हाउसवाइफ है,छोटा भाई पेयजल विभाग में कार्यरत हैं। संध्या अब तक अविवाहित थी,ड्यूटी के साथ साथ पूरे परिवार की जिम्मेवारी का निर्वहन कर रही थी।मृदुभाषी संध्या अपने सहकर्मी के बीच भी काफी चहेती थी, यही वजह है की राज्य भर में उनके सहकर्मी इस घटना को लेकर काफी आक्रोशित हैं।

एसआई संध्या टोपनो के शव को सलामी पुलिस अधिकारी द्वारा

रात्रि के 1.45 पर आया था फोन

वैसे तो पूरा झारखंड पशु तस्करी के मामले में बदनाम है।काफी बड़ी बड़ी घटनाएं पशु तस्करी की वजह से झारखंड में होते रहे है। पूर्व में भी पशु तस्करी की वजह से धनबाद में एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ने आत्महत्या कर ली थी। लेकिन यह पहली बार है जब पशु तस्करों का मनोबल इतना बढ़ गया है एक महिला सब इंस्पेक्टर की हत्या कर डाली। मंगलवार की रात करीब 1:45 पर संध्या को तुपुदाना ओपी प्रभारी कन्हैया सिंह ने फोन के जरिए जानकारी दी कि गुमला के बसिया से कुछ अपराधी रांची की तरफ भागे हैं जिनका गुमला पुलिस भी पीछा कर रही है।

ड्यूटी निभाने के दौरान हुई घटना

सूचना मिलने पर आनन-फानन में संध्या ड्राइवर एक सिपाही के साथ बानो की चेकिंग में लग गई चेकिंग के दौरान उजले रंग केक पिकअप बहन को संध्या ने रोका ड्राइवर के चेहरे पर चार जलाकर संध्या ने उसे बाहर निकलने को कहा लेकिन अचानक ड्राइवर ने एक तेज कर दी इससे पहले की संध्या कुछ समझ पाती पशु तस्करों ने उन्हें कुचल डाला।

संध्या टोपनो की कुचलने वाला पिकअप वैन

मौके पर ही हो गई थी मौत

पशु तस्करों ने संध्या को इतनी जोरदार टक्कर मारी की मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। 5 फीट 9 इंच की हाइट वाली महिला सब इंस्पेक्टर संध्या को करीब 100 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड से टक्कर मारी गई और उनकी जान ले ली संध्या के साथ मौजूद पुलिसकर्मी ने बताया कि उनकी मौत मौके पर हो गई थी फिर भी उनके जिंदा रहने की आस को लेकर हम लोग अस्पताल लेकर गए थे।

ड्यूटी लगाने को लेकर उठ रहे हैं सवाल

महिला एसआई को ड्यूटी लगाने को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिरकार क्यों एक महिला सब इंस्पेक्टर को आधी रात ड्यूटी पर लगाया गया। वह भी तब, जब तुपुदाना ओपी को नक्सल प्रभावित इलाके जैसे थाना माना जाता है। संध्या के मौत के बाद परिवार वाले भी यह सवाल उठा रहे हैं कि एक महिला को रात की ड्यूटी देना कहां तक उचित है।

संध्या टोपनो ऑनड्यूटी फाइल फोटो

बचपन से ही पढ़ने में तेज थी संध्या

संध्या बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी तेज थी। रांची के नामी स्कूलों में शुमार बिशप वेस्टकोट से उसने 10th पास किया था उसके बाद उसने गोस्नर कॉलेज से पढ़ाई की। कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद रांची यूनिवर्सिटी से एमबीए कंप्लीट किया। उसके बाद उन्होंने एसआई की परीक्षा पास कर तुपुदाना में ज्वाइन किया। ज्वाइन करने के बाद से अबतक वो तुपुदाना में ही नियुक्त थी।

सहकर्मियों में रोष, सजा देने की कर रहे हैं मांग

सब इंस्पेक्टर संध्या टोपनो की हत्या की घटना के बाद राज्य भर के पुलिसकर्मी आक्रोशित हैं ।सभी आरोपियों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा देने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा संध्या को आधी रात को ड्यूटी पर लगाए जाने को लेकर भी कई सवाल उठा रहे हैं। संध्या के बैचमेट और अन्य पुलिसकर्मियों की मांग है कि आरोपियों को स्पीडी ट्रायल के तहत अभिलंब सजा दिलवाई जाए।

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