पटना: यूट्यूबर मनीष कश्यप को 9 महीने बाद आखिरकार पटना की बेउर जेल से रिहाई मिल गई है। हालांकि उन्हें शुक्रवार को ही जमानत मिल गयी थी, लेकिन कागजी कार्रवाई की वजह से आज वो जेल से बाहर निकले।

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इधर मनीष के समर्थकों ने जेल से बाहर निकलने पर उन्हें माला पहनाई। कंधे पर बिठाया। समर्थकों की भीड़ देख मनीष कश्यप ने कहा कि ये वो लोग हैं जिन्हें उम्मीद है कि बिहार बदलेगा। उन्होंने कहा कि कलम के सिपाही किसी से डरते नहीं हैं, किसी का मर्डर या चोरी नहीं की हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें जेल में डाल दिया गया। काला पानी की सजा दी गई, तमिलनाडु जेल भेज दिया गया, ऐसा व्यवहार किया गया, जैसे किसी आतंकवादी के साथ की जाती हैं।

आपको बता दें कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो शेयर करने को लेकर यूट्यूबर मनीष कश्यप को गिरफ्तार किया गया था। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज किया था। जब इस केस में छापेमारी शुरू हुई तो डर से मनीष कश्यप बिहार छोड़कर फरार हो गया था। उसकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी हुई थी। बेतिया पुलिस ने 18 मार्च को दूसरे केस में मनीष के घर की कुर्की जब्ती शुरू की तो उसी दिन स्थानीय थाने में सरेंडर किया। उसी दिन पटना से गई EOU की टीम ने उसे अपने केस में कब्जे में लिया था। रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की और जेल भेज दिया था।

रिहाई के दौरान बेउर जेल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। 9 महीने पहले मनीष कश्यप ने तमिलनाडु के मजदूरों के फर्जी वीडियो वायरल करने के केस में सरेंडर किया था। तब से वो जेल में था। मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में 6 और बिहार में 7 मामले दर्ज हैं। तमिलनाडु सरकार के एनएसए के खिलाफ यूट्यूबर मनीष कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। तमाम दलीलों और बहस के बाद मनीष को आखिरकार राहत मिली थी। शुक्रवार को ही उनके जेल से बाहर आने की संभावना थी, लेकिन कुछ कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण कल रिहाई टल गई थी।

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