नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 टीकाकरण से युवाओं में आकस्मिक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपने अध्ययन में यह दावा किया है। हालांकि ये बातें भी सामने आयी है कि भारत में कोरोना रोधी टीकाकरण से युवाओं में आकस्मिक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अपने अध्ययन में अचानक से मौतों के आंकड़ों में हुई बढ़ोत्तरी की कारणों की खोज की है।

अध्ययन के मुताबिक, जिन कारणों से आकस्मिक मौत की आशंका बढ़ी हैं, उनमें कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती रहना, मृत्यु से कुछ समय पहले अत्यधिक शराब पीना और तीव्र शारीरिक गतिविधि जैसे कुछ व्यवहार शामिल हैं। आईसीएमआर अध्ययन का हवाला देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुजरात के भावनगर में कहा था कि जो लोग गंभीर कोविड बीमारी का सामना कर चुके हैं, उन्हें दिल के दौरे और हृदयाघात से बचने के लिए एक या दो साल तक अत्यधिक मेहनत नहीं करनी चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि भारत में स्वस्थ युवा वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों की खबरों ने शोधकर्ताओं को रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि इन मौतों ने आशंका पैदा कर दी कि ये मौतें कोविड-19 या बीमारी के खिलाफ टीकाकरण से संबंधित हो सकती हैं। यह अध्ययन भारत में स्वस्थ युवा वयस्कों के बीच अचानक अस्पष्ट कारणों से मौतों के कारकों की जांच करने के लिए किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि भारत में स्वस्थ युवाओं में अचानक होने वाली मौतों की खबरों ने शोधकर्ताओं को अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया। इन मौतों ने आशंका पैदा कर दी कि ये मौतें कोरोना या महामारी के खिलाफ टीकाकरण से संबंधित हो सकती हैं। यह अध्ययन भारत में स्वस्थ युवाओं के बीच अचानक अस्पष्ट कारणों से मौतों के कारणों की जांच करने के लिए किया गया था।

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