पटना। बीएड पास अभ्यर्थी को प्राथमिक शिक्षक के तौर पर नियुक्ति का मौका नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट से भी बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले बीएड पास अभ्यर्थियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जज अनिरुद्ध बोस ने अपने निर्णय में कहा कि 11 अगस्त 2023 के बाद से प्राथमिक में बीएड योग्यता धारी नहीं पढ़ा पाएंगे।बिहार सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने डीएलएड के अभ्यर्थियों से सारी सीटे भर ली हैं।

जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने ही राजस्थान मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया था कि डीएलएड पास अभ्यर्थी ही क्लास 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के योग्य होंगे। इससे पहले क्लास 1 से 5 तक के शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किए जाने को लेकर सरकार ने 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। इस मामले में 9 अक्टूबर को जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने बिहार सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया था। मामला दूसरी बेंच में ट्रांसफर कर दिया था।

हालांकि बीएड अभ्यर्थियों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण और निशा तिवारी ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में भी पहले से चल रही बहाली प्रक्रिया में प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। इसी तरह बिहार में भी शिक्षक बहाली की प्रक्रिया फैसला आने के पहले से चल रही है। इसलिए इन्हें भी शामिल किया जाए। आपको बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 1 लाख 70 हजार 461 पद के लिए बहाली निकली थी। क्लास 1 से 5 तक के लिए कुल 79 हजार 943 पद, क्लास 9 से 10 तक के लिए कुल 32 हजार 916 और क्लास 11 से 12वीं तक के लिए 57 हजार 602 पद की बहाली निकली थी।

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