मध्य प्रदेश: छतरपुर जिले के स्कूल में अस्पृश्यता का मामला सामने आया है। छात्रों ने आरोप लगाया है मिड डे मील भोजन योजना के तहत स्कूल में दोपहर का भोजन उन्हें सबसे बाद में दिया जाता है और रोटी फेंककर दी जाती है। स्कूली छात्रों का आरोप है कि एक खास वर्ग से होने के कारण उनके साथ भेदभाव किया जाता है। घटना का प्रशासन ने संज्ञान लिया है। मामले की जांच की जा रही है

पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर छात्र ने बताया कि स्कूल में न तो खाने कि गुणवत्ता अच्छी रहती है और न ही मीनू हिसाब से खाना बनता है। छात्र ने बताया कि रोजाना आलू की रसेदार सब्जी रोटी और दाल ही बनता है जबकि खाना दिन के अनुसार लिखा हुआ है। वहीं अन्य अन्य छत्रों का आरोप है कि खाने की क्वालिटी भी खराब है और एक खास वर्ग के छात्रों को सबसे बाद में खाना दिया जाता है।

मामले की पुष्टि करते हुए छतरपुर के डीपीसी अधिकारी आरपी लखेरा ने बताया कि घटना के संज्ञान में आने के बाद स्कूल में काम करने वाले रसोइया समूह को हटा दिया गया है। कल यानी 2 फरवरी को स्कूल के सभी छात्रों से बात की। वहां पर मध्याह्न भोजन का जो समूह था वे कुछ बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे उस समूह को हमने तत्काल हटा दिया। आगे की जांच की जा रही है। शिक्षा विभाग और अन्य अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।

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