रांची: चार शावकों की मौत, अपने ही बच्चों पर लेट गयी बाघिन गौरी, दम घुटने से चार शावकों की चली गयी जान

रांची।शावकों के जन्म की मिली खुशखबरी के 5 दिन बाद ही एक बुरी खबर बिरसा जैविक उद्यान से आयी है। बिरसा जैविक उद्यान में बाघिन के चार नवजात बच्चों की मौत हो गई है। जांच में ये जानकारी आयी है कि नवजातों की मौत अपनी मां के शरीर से दब जाने की वजह से हुई है। बच्चे मां के बेहद करीब चले गए थे।10 मई की आधी रात के करीब बाघिन गौरी ने चार बच्चों को जन्म दिया था। बताया जा रहा है कि बाघिन की सीसीटीवी से मॉनिटरिंग भी की जा रही थी। इसके बाद भी ऐसी घटना हो जाना प्रबंधन पर सवाल खड़े कर रही है।

प्रबंधन की मानें तो जन्म के बाद सभी नवजात मां के काफी करीब आ गए। वहीं जब मां ने करवट बदली तो सभी नवजात उसमें दब गए।जब प्रबंधन को इस बात का पता चला तो वहां के कर्मी केज के भीतर जा कर देखा। बाघिन को बच्चों से दूर हटाया गया। तीन बच्चों की वहीं मौत हो चुकी थी, लेकिन एक बच्चे की सांस चल रही थी पर उसे भी जब तक संभाला जाता तब तक मौत हो चुकी थी।बाघिन गौरी ने पहली बार बच्चों को जन्म दिया था।

बाघिन ने रात दो बजे पहले बच्चे को जन्म दिया और फिर सभी बच्चे 11 मई को मां के पेट से बाहर आए। सभी बच्चे सामान्य और स्वस्थ थे। एक बच्चे का वजन एक किलो था जबकि अन्य तीन का वजन 900 से 950 ग्राम के बीच था।चूंकि बाघ के बच्चे की आंख जन्म के 15वें दिन खुलती है। ऐसे में इन दिनों तक मां खुद केयर करती है।

वह खुद ही दूध पिलाती है।11 मई की रात बाघिन अपने बच्चों पर ही लेट गई जिस वजह से दम घुटने से मौत हो गई। जब जानकारी मिली तो एक बच्चे को निकाला गया। उसे दूध पिलाने की कोशिश की गई पर इंटरनल हेंम्रेजेज होने की वजह से मौत हो गई। फिर पोस्टमॉर्टम के बाद 12 मई को जू के भीतर बने दाहगृह ​​​​​​में शवों को जलाया गया।

HPBL Desk
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