बागपत (यूपी) । 10 साल के बच्चे के हाथ में 2 साल के मासूम भाई का शव…! सोचिये वो मंजर क्या होगा?…..हाथ में कफन में लिपटे शव को लिये वो बच्चा सड़क किनारे चला जा रहा था…आते-जाते लोग देखते, कुछ पल ठहरते, घटना के बारे में पूछते और फिर आगे बढ़ जाते। किसी ने कोई मदद नहीं की…ना सिस्टम को शर्म आयी और ना ही स्वास्थ्य महकमा को दिया। जिला अस्पताल में हर किसी के हाथ जोड़कर बच्चे के पिता ने गुहार लगायी कि शव वाहन दे दो, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी, लाचार पिता पैदल ही बच्चे का शव लेकर चल पड़ा। काफी दूर पैदल चलने के बाद जब वो थक गया तो फिर अपने 10 साल के बेटे के हाथ में 2 साल के भाई का शव पकड़ा दिया। ये वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

घटना शुक्रवार की है। खेडी लिलोन शामली निवासी महिला सीता अपने दो साल के बेटे काला और छह साल की बेटी कोको के साथ बागपत पहुंची थी जहां मासूम बेटे के लगातार रोने पर गुस्से में उसने काला को हाईवे पर फैंक दिया था और कार से कुचलकर बच्चे की मौत हो गई थी। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार करके शव पोस्टर्माटम के लिए भेज दिया था। शाम के समय मृतक बच्चे के पिता प्रवीण व उसका भाई शिवम जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्चे का शव उन्हें थमा दिया और तमाम गुहार के बाद भी शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया था।

मृतक बच्चे के पिता प्रवीण ने बताया कि वह राजस्थान में था जब उसे पत्नी की करतूत और बेटे की मौत का पता चला था तभी वह अपने बेटे के साथ वहां से रवाना हो गया था और शाम के समय बागपत में जिला अस्पताल पहुंचा था। यहां पोस्टमार्टम के बाद बेटे का शव उन्हें सौंप दिया गया मगर काफी मिन्न्तों के बाद भी उसे शव वाहन या सरकारी ऐबुलेंस नहीं उपलब्ध कराई गई। उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे प्राइवेट एबुलेंस कर लेते। इसके बाद हम बाप-बेटे ने मासूम के शव को हाथों में लेकर ही पैदल चलने का फैंसला लिया। करीब एक घंटे बाद शव वाहन उनके पास आया और हम देर रात तक गांव में पहुंच पाए।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...