रायपुर: पुरानी पेंशन बहाल करने वाली छत्तीसगढ़ सरकार के पास महंगाई भत्ता देने के लिए पैसे नहीं है। ये पोल खुद सरकार के ही एक वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव ने खोली है। दरअसल छत्तीसगढ में इन कर्मचारियों की महंगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रहा है। केंद्र की 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता की तुलना में छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों को सिर्फ अभी 28 प्रतिशत DA मिल रहा है, वो भी तब जब पिछले दिनों 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है, मतलब प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र की 34 प्रतिशत डीए की तुलना में सिर्फ 22 प्रतिशत ही महंगाई भत्ता मिल रहा था। कर्मचारियों के दवाब के बाद भूपेश सरकार ने 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया, लेकिन फिर भी वो केंद्र से 6 प्रतिशत कम है।

महंगाई भत्ता और सातवां वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता देने को लेकर चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन के बीच हड़ताली घूम-घूमकर प्रदेश के मंत्री और विधायकों से समर्थन मांग रहे हैं। इसी दौरान कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पास पहुंचा, तो मंत्री टीएस सिंहदेव ने भूपेश बघेल के सरकार की वित्तीय हालात की पूरी पोल खोलकर कर्मचारियों के सामने रख दी। उन्होंने कह दिया कि सरकार को अभी महंगाई भत्ता देने की औकात ही नहीं है।

“रहेगी तब तो देगी ना, जो आप कह रहे हैं समझ रहा हूं।. ईमानदारी की बात ये ही कि आपलोगों का 5000-6000 करोड़ एक्स्ट्रा बन रहा है आज के डेट में इतना पैसा देने की सरकार की औकात ही नहीं है, जितना हो रहा है उतना तो दे ही रही है ना सरकार, सरकार अभी तो 40 हजार करोड़ दे ही रही है ना। यहां नरवा, गरुवा, घुरवा ज्यादा हो गया। सरकार ने किसानों को देना प्रमुखता समझा, कर्मचारी प्रमुखता में अभी नीचे हैं”

इधर सिंहदेव के इस बयान के बाद प्रदेश के कर्मचारी जगह के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि…

“कांग्रेस सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री खुद कह रहे हैं, सरकार के पास पैसे देने की औकात नहीं है! भूपेश बघेल जी के कुप्रबंधन ने छत्तीसगढ़ को कर्ज में डुबोकर दिवालिया कर दिया है। न वेतन देने के पैसे हैं, न ही घोषणा पत्र के वादे पूरे करने के। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मिस्टर बंटाधार हैं!”

सरकार की माली हालत का जिस तरह से जिक्र प्रदेश के नंबर दो की हैसियत रखने वाले मंत्री ने की, उसने कर्मचारियों के मन में हड़कंप पैदा कर दिया है। कर्मचारियों को लग रहा है कि जो सरकार महंगाई भत्ता नहीं दे रही है, वो आखिरकार उनका एरियर कैसे देगी। लिहाजा अब कर्मचारियों के इस आंदोलन को लेकर भी संशय की स्थिति बन गयी है। हड़ताल की अगुवाई कर रहे कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के पदाधिकारी भी सरकार के रूख और मंत्री के बयान के बाद आशंकित हो गये हैं कि कहीं उन्हें अपने आंदोलन से शुन्य पर तो वापस नहीं आना पड़ जायेगा। क्योंकि अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान अब तक एक दौर की भी वार्ता नहीं हुई है। वहीं अब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रदेश की माली स्थिति की जानकारी देकर हर किसी को डरा दिया है।

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