रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने ED की पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन की हामी पर तंज कसा है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि लग रहा धीरे-धीरे अब उन्हें समझ में आने लगा है। जिस तरह से कैबिनेट में नियम पास कराकर उन्होंने ईडी को रोकने की कोशिश की थी, उसके बाद अब उन्होंने पूछताछ के लिए समय दिया है, उससे एक बात साफ हो गयी है कि मुख्यमंत्री को समझ में आ गया है कि संसद के बनाये कानून की इस तरह से अवहेलना नहीं की जा सकती।

कैबिनेट में ईडी को रोकने के नियम पास किये जाने पर कटाक्ष करते हुए मरांडी ने अफसरों की भी सोच पर सवाल खड़े कर दिये।

मरांडी ने कहा कि ….

मुख्यमंत्री तो मुख्यमंत्री, लगता है अफसर भी उन्हें नहीं समझाते हैं, पार्लियामेंट का कानून है और पार्लियामेंट के कानून के तहत ही ईडी वाले काम करते हैं। उस कानून को अगर कोई राज्य सरकार सुपरसीड करे तो …कैसे यहां के अफसर, चाहे वो चीफ सेकरेट्री हो, होम सेकरेट्री हो, मंत्रिमंडल निगरानी के सचिव हो, सब लोग कर क्या रहे थे, मुख्यमंत्री को लगता है समझा नहीं पाते हैं। ..तो अब लगता है कि उन्हें समझ में आया है कि झारखंड कोई हिंदुस्तान से अलग देश नहीं है। झारखंड में भी वही कानून चलेगा, तो देश के पार्लियामेंट में बनाया गया है। और कैबिनेट से निर्णय लेकर पत्र लिख दिये। लगता है अब उन्हें समझ में आने लगा है।

मराडी ने कहा कि देश की संसद द्वारा पारित कानून और उसके प्रावधानों के अनुसार ही ईडी कार्रवाई करती है। झारखंड में ईडी के अधिकारों पर प्रश्न चिन्ह उठाने और केंद्रीय कानूनों की अवहेलना करने वाले मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों को अब शायद अपनी गलती समझ आ चुकी है। मराडी ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री की जो अकड़ थी, लगता है अब उन्हें कोई समझाया होगा, कि ये नहीं चलेगा। इसलिए ईडी को पूछताछ के लिए उन्होंने अपने आवास पर ही बुलाया होगा।

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