Ujjwal Nikam Biography In Hindi: लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज अपने कैंडिडेट्स की 15वीं लिस्ट जारी कर दी। बीजेपी ने पूनम महाजन की टिकट काट दी है. जबकि आतंकी कसाब को फांसी दिलाने वाले वकील उज्जवल निकम को मुंबई उत्तर मध्य से चुनावी मैदान में उतारा गया है। बता दें कि उज्ज्वल निकम देश के सबसे मशहूर सरकारी वकीलों में से हैं, वह आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिलवाने से लेकर, 1993 के बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल मामलों में सरकारी पक्ष की पैरवी कर चुके हैं। पूनम महाजन का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाये गये उज्जवल निकम को लेकर आज काफी चर्चा हो रही है।

उज्जवल निकम वही शख्स हैं जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले का केस लड़ा था। हालांकि यह कोई इकलौता केस नहीं है जिसे उज्जवल निकम ने लड़ा है। 1993 बॉम्बे बम धमाका, गुलशन कुमार हत्याकांड, प्रमोद महाजन हत्याकांड, 2008 के मुंबई हमलों में संदिग्धों पर मुकदमा, 2013 मुंबई सामूहिक बलात्कार केस, 2016 कोपार्डी बलात्कार मामला इत्यादि अहम मामलों के केस उन्होंने लड़े हैं।

उज्ज्वइल निकम के पिता देवराओजी निकम भी मालेगांव के प्रसिद्ध वकील हैं।बीजेपी नेता प्रमोद महाजन के केस में उनके भाई प्रवीण महाजन को दिलाई थी उम्रकैद की सजा, लिए जाने जाते हैं। उज्जवल निकम भारतीय न्याय प्रक्रिया के वो स्तंभ हैं, जिन्होंने कई बड़े मुकदमों में दोषियों को फांसी या फिर उम्रकैद की सजा दिलवाई है। उज्जवल निकम एक सरकारी वकील हैं और वो मुख्यतौर पर हत्या और आतंकवाद जैसों मुकदमों पर ही काम करते हैं।

37 लोगों को फांसी की सजा दिला चुके हैं उज्जवल निकम
बता दें कि उज्जवल निकम को साल 2016 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें आतंकियों के खिलाफ लड़ाई और उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा के मद्देनजर जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है। उज्जवल निकम महाराष्ट्र के जलगांव के रहने वाले हैं। मराठी परिवार में जन्में निकम के पिता का नाम देवरावजी निकम है। वह न्यायाधीश और बैरिस्टर थे और उनकी मां एक गृहिणी थीं। उन्होंने विज्ञान में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और उसके बाद उन्होंने केसीई से कानून की शिक्षा प्राप्त की। बता दें कि उज्जवल निकम के बेटे अनिकेत भी मुंबई हाईकोर्ट में क्रमिनल वकील हैं। उज्जवल निकम अबतक 37 आरोपियों को फांसी की सजा दिला चुके हैं. इसके अलावा 628 आरोपियों को उम्रकैद की सजा भी वो दिला चुके हैं. उज्जवल निकम का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ है. उनके पिता एक जज थे।

अजमल कसाब को लेकर उज्जवल निकम ने अफवाह फैलाई थी
उज्जवल निकम ने 26/11 आतंकवादी हमले के दोषी अजमल कसाब को लेकर एक अफवाह फैलाई थी. उन्होंने इस बात को खुद स्विकार भी किया था. उन्होंने अफवाह फैलाई थी कि कसाब जेल में बिरयानी की मांग करता था और उसे उपलब्ध भी कराया जाता था. उन्होंने बाद में बताया था कि यह केवल अफवाह थी. कसाब न तो बिरयानी मंगाता था और न ही उसे उपलब्ध कराया जाता था. दरअसल यह अफवाह उन्होंने इसलिए फैलाई थी कि लोगों का धीरे-धीरे कसाब की ओर भावना शिफ्ट हो रही थी. मीडिया में कसाब की तस्वीरें वायरल होने लगी थी और चर्चा होने लगी थी कि कसाब को बहन की याद आ रही है. वैसे में उन्हें लोगों की भावना को रोकने के लिए अफवाह फैलानी पड़ी थी. मालूम हो 2008 में कसाब को फांसी की सजा दी गई थी।

अजमल कसाब को दिलाई थी फांसी
बता दें कि 26/11 हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। इस दौरान पुलिस ने एकमात्र आतंकी हमलावार अजमल कसाब को गिरफ्तार किया था। 6 मई 2010 को कसाब को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दे दी गई थी। इसका मुकदमा भी उज्जवल निकम ने ही लड़ा था। अजमल कसाब को फांसी दिला पाने में उनकी अहम भूमिका रही है। गेटवे ऑफ इंडिया पर साल 2003 में बम धमाके हुए थे। इस केस को भी उज्जवल निकम ने लड़ा था। उन्होंने साल 2009 में तीन लोगों को सुनवाई के दौरान दोषी ठहराया, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि 25 अगस्त 2003 को मुंबई में दो कार बम धमाके हुए थे।

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