पटना। दुर्गापूजा के पहले बिहार में कर्मचारियों को वेतन बढ़ोत्तरी का तोहफा मिला है। राज्य सरकार ने शासकीय कर्मचारियों को कार्यकारी प्रभार देकर वेतनमान और सुविधाएं बढ़ाने का फैसला लिया है। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गयी है। कैबिनेट की मुहर के बाद अब जल्द ही कर्मचारियों के वेतन व भत्ता के अलावे अन्य सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हो जायेगी। दरअसल बिहार में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से पेंडिंग है, इसलिए कार्यकारी प्रभार देने का फैसला लिया गया है।

7 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को कार्यकारी प्रभार देते हुए वेतनमान और सुविधाएं बढ़ाने का फैसला लिया है। हालांकि कईयों के पास पहले से ही प्रभार था, लेकिन वेतन और सुविधाएं नहीं मिल पा रही थीं। लेकिन अब उनके वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी हो जायेगी। जानकारी के मुताबिक SC-ST कर्मियों को कोटे के अंदर कोटा दिया जाएगा।

इसके लिए 17 फीसदी पद रिजर्व रखा जाएगा। इसमें SC वर्ग के कर्मियों के लिए 16 और ST वर्ग के कर्मियों के लिए एक फीसदी पद रोककर रखा जाएगा।सरकारी कर्मियों की प्रोन्नति साल 2016 से ही बाधित है। SC-ST वर्ग को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सामान्य प्रमोशन दिया जाएगा। फिलहाल कार्यकारी प्रभार दिए जाने को मंजूरी मिली है।

वहीं कैबिनेट के अन्य फैसलों में सभी सरकारी डेंटल हॉस्पिटल में एकसमान एडमिशन फीस किए जाने पर कैबिनेट ने मंजूरी लगाई है। स्नातक और स्नातकोत्तर में नामांकन और अन्य शुल्क एकसमान किया गया है।आईजीआईएमएस पटना के आई डिपार्टमेंट में कुल 149 पोस्ट क्रिएट किए गए हैं। पद सृजन पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है।बिहार सरकार किसानों से धान खरीदेगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रबी फसल के लिए कुल 8 हजार करोड़ अधिप्राप्ति से जुड़े संस्थाओं को कर्ज उपलब्ध कराई है। बिहार सरकार ने गारंटी दी है।उग्रवाद प्रभावित जिलों को 37 करोड़ 83 लाख रुपए दिए गए हैं। विशेष आधारभूत संरचना योजना वर्ष 2022-26 के तहत यह जारी किया गया है।राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से जीएफआर 2017 के नियम के संशोधन के अनुरूप बिहार वित्त नियमावली 150 के नियम 30 को संशोधित करने के संबंध में स्वीकृत दी गई है।

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