रांची: झारखंड में कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता खुल गया है। प्रमोशन की विसंगति को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, जिस पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में राज्य सरकार और डीजीपी को आज जवाब दाखिल करना था, सुनवाई के दौरान राजभाषा विभाग के सचिव की ओर से जवाब दाखिल किया गया, जबकि DGP की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया। जिसके बाद कोर्ट ने जवाब देने के लिए दो सप्ताह का वक्त और दिया है। अब प्रमोशन मामले में 8 सितंबर को सुनवाई होगी।

आपको बता दें कि श्रीकांत दुबे व अन्य द्वारा राज्य के डीजीपी एवं प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के 3 जून 2022 के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग व राज्य के डीजीपी को शपथ पत्र दायर कर प्रमोशन मामले में जानकारी मांगी की… बतायें कि दोनों आदेश न्याय संगत है या नहीं। आज सुनवाई के दौरान ST-SC कर्मचारी संघ एवं अन्य की ओर से दाखिल हस्तक्षेप याचिका पर भी कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराया गया।

संघ के अधिवक्ता शुभाशिष रसिक सोरेन ने अदालत को बताया कि प्रमोशन पर रोक के आदेश से कई कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं, जिसके बाद अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार विभागों में प्रोन्नति दे सकती है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कोर्ट में पक्ष रखा. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. एस एन पाठक की बेंच में हुई. प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने कोर्ट में बहस की. अब इस मामले में अदालत 8 सितंबर को सुनवाई करेगा।

बता दें कि 24 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार ने फैसला लिया था कि किसी भी विभाग में अगले आदेश तक प्रोन्नति नहीं दी जाएगी. उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने 13 जनवरी 2022 को आदेश दिया और सरकार के 24 दिसंबर 2020 के आदेश को निरस्त कर दिया. साथ ही राज्य सरकार को आदेश दिया गया कि सभी विभागों में सक्षम पदाधिकारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया जाए. इसके बाद 3 जून 2022 को राज्य सरकार के प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने एक आदेश निकाला कि प्रोन्नति सभी विभागों में तत्काल प्रभाव से दिया जाएगा. साथ ही यह शर्त लगा दिया कि एसटी / एससी के कर्मी जनरल कैडर में भी वरीयता के आधार पर प्रोन्नति ले सकते हैं. इसके आलोक में राज्य के डीजीपी ने 23 जून 2022 को एक आदेश निकाला जिसमें एएसआई से एसआई के लिए सभी वाहिनी एवं जिला में मनोनयन की मांग किया था।

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