रांची। ईडी ने शपथ पत्र दाखिल कर हाईकोर्ट को बताया है कि निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की 39 करोड़ 28 लाख की संपत्ति अटैच की गई है. जिसके बाद आगे भी जांच जारी है।जब्त संपत्तियों में दिल्ली, जमशेदपुर व रांची स्थित फार्म हाउस, फ्लैट, डुप्लेक्स बंगला, जमीन और बैंक खाते में पड़े करीब 36 लाख रुपये शामिल हैं.

हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि जमशेदपुर के जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के घर से साल 2019 में छापामारी के दौरान मिले गए ढाई करोड़ रुपए भी निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ही थे। उनकी संपत्ति की सीबीआई से जांच की मांग को लेकर प्रार्थी पंकज यादव ने जनहित याचिका दायर की थी. इसपर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान अदालत के आदेश के आलोक में ईडी की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश किया गया. इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से भी अदालत में जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि विजिलेंस कमिश्नर से अनुमति मिलने के बाद अब वीरेंद्र राम की संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है. वहीं ईडी ने अपने जवाब में बताया है कि 39 करोड़ 28 लाख रुपये की संपत्ति को अटैच किया गया है.

मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है.पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ईडी और एसीबी को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. उस दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि 2019 में जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के जमशेदपुर आवास से ढाई करोड़ रुपए बरामद हुए थे.

वह राशि निलंबित चीफ इंजीनियर विरेंद्र राम के रिश्तेदार आलोक रंजन की थी. लेकिन एसीबी ने इस मामले में सिर्फ जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद को जेल भेजा था. प्रार्थी की ओर से यह भी बताया गया था कि तब एसीबी ने इतनी बड़ी राशि की बरामदी की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी नहीं दी थी.

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