झांसी। फर्जीवाड़े की भी इंतहा होती है। कन्यादान योजना का पैसा पाने के लिए युवती की जीजा से ही शादी करा दी गयी। शादी की विभागीय प्रक्रिया जैसे ही पूरी हुई, लड़की ने सिंदूर पोछ लिया। अब इस मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव का कहना है कि अगर कहीं गलत किया गया है तो जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मामला झांसी में राजकीय पालिटेक्निक परिसर का है. जहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसके लिए पंजीकृत 168 जोड़ों के साथ उनके परिजन को भी बुलाया गया। लेकिन पंजीकरण सूची में दर्ज एक दूल्हा पक्ष नहीं पहुंचा।

उसके बाद जो तमाशा हुआ, वो रिश्ते को शर्मसार करने वाला था। आननफानन में कन्या पक्ष के ही एक व्यक्ति को उसकी जगह खड़ा कर शादी की औपचारिकताएं पूरी की गईं। विवाह होते ही कन्या ने मांग का सिंदूर पोंछ दिया। इससे कुछ लोगों को शक हुआ और उन्होंने पूछताछ की तो पता चला कि जिस व्यक्ति से लड़की की शादी की जा रही है, वह उसका जीजा है।

कन्या की शादी छतरपुर में तय हो गई थी और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करना तय हुआ। इसके लिए आनलाइन पंजीकरण भी कराया गया। समय गुजरता जा रहा था, लेकिन वर पक्ष का एक भी सदस्य मौजूद नहीं था। तत्काल कन्या पक्ष ने लड़की के जीजा को दूल्हा बताकर विवाह की औपचारिकताएं निभायी।

सने स्वीकार किया कि उसे कुछ देर के लिए कन्या के साथ जोड़े के रूप में खड़ा होने को कहा गया था। वहीं, लड़की ने स्वीकार किया कि वर पक्ष के न आने से उसे यह कदम उठाना पड़ा। कहा जा रहा कि विवाह में मिलने वाली राशि और उपहार के कारण कन्या पक्ष ने यह कदम उठाया। इस मामले में समाज कल्याण विभाग की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है, क्योंकि उसने उपहार देने के पहले वर का सत्यापन नहीं किया।

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