Election Commission of India: चुनाव के पहले ट्रांसफर पोस्टिंग पर आयोग ने कड़ा आदेश जारी किया है। निर्वाचन आयोग (ECI) ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जिन अधिकारियों का किसी जिले से ट्रांसफर चुनाव के पहले उसकी नीति के तहत किया जाता है, उनकी नियुक्ति उसी संसदीय क्षेत्र में किसी जिले में ना हो। चुनाव से पहले अधिकारियों को स्थानांतरित करने की अपनी नीति में बदलाव करके निर्वाचन आयोग ने उन खामियों को दूर करने की कोशिश की है जिनका राज्य सरकारों द्वारा बेजा फायदा उठाया जा रहा था। बता दें कि यह कदम चुनाव प्राधिकरण द्वारा उन मामलों पर ‘गंभीरता से ध्यान’ देने के बाद उठाया गया है जिनमें राज्य सरकारों ने अधिकारियों को उसी संसदीय क्षेत्र के पास के जिलों में ट्रांसफर किए थे।

भारत निर्वाचन आयोग ने ट्रांसफर को लेकर सभी राज्यों के लिए एक सार्वजनिक बयान जारी किया है। इसमें स्थाननांतरण नीति का अक्षरश: पालन करने का सख्ति निर्देश दिया गया है। आयोग की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, स्थाेनांतरण नीति के तहत चुनाव कार्य में लगे या चुनाव को प्रभावित कर सकने वाले स्था नों पर पदस्थं सरकारी अफसर अपने गृह जिला में पदस्थन नहीं रह सकते। साथ ही 3 वर्ष या उससे अधिक समय से एक ही स्था न पर पदस्थय अफसरों के भी ट्रांसफर का नियम है। आयोग ने सभी राज्यों् से स्थामनांतरण नीति पर पालन के संबंध में 15 फरवरी तक रिपोर्ट तलब किया था। अब आयोग ने फिर एक बयान जारी कर सभी राज्योंे को आगाह किया है।

आयोग की तरफ से जारी इस ताजा बयान में कहा गया है कि, गृह जिला एवं 3 साल से ही स्था न पर पदस्थ अफसरों के ट्रांसफर का मतलब यह नहीं है कि, एक ही संसदीय क्षेत्र के एक जिला से हटाकर दूसरे जिला में भेद दें बल्कि ट्रांसफर नीति का पालन का उद्देश्यज एक संसदीय क्षेत्र से दूसरे संसदीय क्षेत्र में ट्रांसफर है। आयोग ने सभी राज्यों को अब तक हुए तबादलों का इस आधार पर समीक्षा करने का निर्देश दिया है। आयोग के इस निर्देश में साफ है कि ट्रांसफर में चालबाजी नहीं चलेगी।

आयोग ने कहा, ‘‘मौजूदा निर्देशों में खामियों को दूर करते हुए आयोग ने निर्देश दिया है कि दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर सभी राज्य यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन अधिकारियों को जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया है उनकी नियुक्ति उसी संसदीय क्षेत्र में नहीं की जाए।’’ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई में निर्वाचन आयोग ने राज्यों से कहा है कि नीति का पालन किया जाना चाहिए इसका महज दिखावा न हो।

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