Inheritance Tax: “मरने के बाद आपकी आधी संपत्ति सरकार की” जानिये क्या होता है विरासत टैक्स? जिसकी कांग्रेस नेता ने की है वकालत, जानिये देश में क्यों मचा बवाल

what is inheritance tax: विरासत टैक्स क्या है? ये टैक्स कितना लगता है, किन-किन पर लगता है? पिछले कुछ घंटों से विरासत टैक्स की खूब चर्चा हो रही है। ये सगूफा कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा ने छोड़ा है,जिन्होंने विरासत टैक्स की वकालत की है। आपको हम विस्तार से बतायेंगे कि आखिरकार विरासत टैक्स होता क्या है, जिसे भारत में लागू करने पर विचार को लेकर कांग्रेस नेता ने बयान दिया है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में व‍िरासत में छोड़ी गई प्रॉपर्टी पर टैक्सर लगता है। अमेरिका में अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है और वो मर जाता है तो उसके बच्चों को केवल उस प्रॉपर्टी का 45 प्रतिशत हिस्सा ही मिलता है। बाकी 55 प्रतिशत प्रॉपर्टी सरकार के पास चली जाती है।

क्या होता है विरासत टैक्स?
इन्हेरिटेंस टैक्स (Inheritance tax) को हिंदी में विरासत टैक्स कहते हैं। इस टैक्स को किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी उस संपत्ति पर लगता है, जो उत्तराधिकारियों को मिलनी होती है। अमेरिका और जापान समेत दुनियाभर के कई देशों में इस टैक्स को लगाया जाता है। कई देशों में इस टैक्स की दर 50 फीसदी से भी अधिक है। जब किसी को विरासत में कोई संपत्ति मिलती है तो उसके ट्रांसफर से पहले इस टैक्स को लिया जाता है। इस टैक्स को सरकारें रेवेन्यू में बढ़ोतरी के लिए लगाती हैं।

सरकार के पास चली जाती है 55 प्रतिशत प्रापर्टी

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सैम पित्रोदा ने इस कानून की वकालत करते हुए कहा कि यह कानून कहता है कि आपने अपने जीवन में जो भी संपत्ति बनाई, जब आप इस दुनिया से जा रहे हैं तो आपको इस संपत्ति का आधा हिस्सा जनता के लिए छोड़ना चाहिए। उन्हों ने कहा कि यह एक निष्पक्ष कानून है और मुझे अच्छा लगता है। भारत में ऐसा नहीं है। भारत में यदि किसी के पास 10 अरब की संपत्ति है और वह मर गया तो उसके बच्चोंा को पूरी प्रॉपर्टी मिल जाती है, इसमें से जनता को कुछ नहीं मिलता।

जानिये कहां लगता है विरासत टैक्स
अमेरिका में विरासत में मिलने वाली संपत्ति पर टैक्स लगाया जाता है। इसे विरासत कर (Inheritance Tax) कहा जाता है। यह टैक्सत संपत्ति पाने वाले व्यक्ति को देना होता है। अमेरिका में विरासत टैक्सो का चलन सामान्य नहीं है। साल 2023 तक सिर्फ छह राज्यों में ही विरासत टैक्स लगता है। यह टैक्सअ इस बात पर निर्भर करता है कि मरने वाला व्यक्ति किस राज्य में रहता था या उसकी संपत्ति किस राज्य में थी। साथ ही विरासत में मिली संपत्ति की कीमत कितनी है और इसके हकदार व्यक्ति का मरने वाले से क्याज संबंध है।

किस तरह से होता है टैक्स का निर्धारण
विरासत टैक्सो और संपत्ति कर दोनों अलग-अलग चीजें हैं। एस्टेतट टैक्स संपत्ति के बंटवारे से पहले ही उस प्रॉपर्टी पर लगाया जाता है। विरासत टैक्स् सीधे उन लोगों पर लगता है जिन्हें विरासत में संपत्ति मिलती है। अगर इस संपत्ति से किसी तरह की कमाई होती है तो उस पर अलग से इनकम टैक्स भी लगता है। अभी अमेरिका में आयोवा, केंटकी, मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यू जर्सी और पेंसिलवेनिया में विरासत टैक्स की परंपर है। विरासत टैक्स लगेगा या नहीं यह भी कई बातों पर निर्भर करता है। विरासत टैक्सं सिर्फ उस रकम पर लगता है जो एक लिमिट से ज्यादा हो। यदि विरासत की रकम तय लिमिट से कम है तो उस पर यह टैक्स नहीं लगाया जाता। आमतौर पर शुरुआत में 10 प्रतिशत से भी कम टैक्स लगाया जाता है और फिर यह बढ़कर 15 फीसदी से 40 फीसदी के बीच हो जाता है। किसी को जो छूट मिलेगी और जो टैक्स रेट लगेगा वह इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरने वाले व्यक्ति से शख्स का रिश्ता क्या था।

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क्या भारत में भी लगता है विरासत टैक्स?
भारत में 1948 से 1952 तक भूदान आंदोलन चलाया गया है। विनोबा भावे द्वारा चलाई गए इस आंदोलन में लोगों ने स्वेच्छा से अपनी जमीन का दान कर दिया था। भारत में 1985 तक विरासत कर लगता था। हालांकि राजीव गांधी की सरकार में इसे खत्म कर दिया गया। तब तत्कालीन वित्त मंत्री वी.पी. सिंह ने कहा था कि इस टैक्स को समाज में संतुलन और धन के अंतर को कम करने के लिए लाया गया था। हालांकि यह ऐसा करने में सफल नहीं हुआ। उनका करना था कि सरकार इसे नेक इरादे के साथ लेकर आई थी लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह सही नहीं है।

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