गिरिडीह: नवजात बच्चे को कुचल कर मारने के आरोपों से घिरी देवरी पुलिस अब नए आरोप में फंस गई है. इस बार पुलिस पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है. यह आरोप तब लगा जब गावां अंचल के निरीक्षक सहदेव प्रसाद अपने साथ इस कांड के जांच के दायरे में शामिल उस पदाधिकारी को लेकर मृतक के घर और उस कमरे में जा पहुंचे जहां पर बच्चे को मरने की बात कही जा रही थी. उक्त पदाधिकारी के घटनास्थल पर पहुंचते ही परिजनों के साथ साथ ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया. यहां परिजनों ने मौके पर मौजूद अवर निरीक्षक संगम पाठक को लेकर न सिर्फ आपत्ति जताई बल्कि यह कहा कि घटना पर लीपापोती करने का प्रयास हो रहा है।

यहां पर लोगों ने अवर निरीक्षक संगम पाठक के साथ साथ जांच के लिए पहुंचे पुलिस निरीक्षक सहदेव प्रसाद को भी वहां से चले जाने को कहा. इस दौरान काफी शोर शराबा भी हुआ. यहां उन्होंने देवरी थाना से हटा कर एसपी ने लाइन क्लोज कर दिया है. जब संगम पाठक को थाना से हटा दिया गया है और वे खुद जांच के दायरे में हैं तो वह कैसे जांच करने आ सकते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि एसपी ने देवरी थाना प्रभारी संगम पाठक को हटा कर लाइन क्लोज कर दिया है. जब संगम पाठक को खुद जांच के दायरे में हैं तो वह कैसे जांच करने आ सकते हैं. लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस निरीक्षक सहदेव प्रसाद, लाइन क्लोज अवर निरीक्षक संगम पाठक दल बल के साथ वापस चले गए.

इस दौरान झामुमो नेता प्रदीप हाजरा ने कहा ने कि बिल्ली को दूध की रखवाली का जिम्मा कैसे दिया जा सकता है. जांच के लिए अवर निरीक्षक संगम पाठक का मृतक के घर आना खुद में सवाल खड़ा करता है. झामुमो नेता ने कहा कि अभी तक इस मामले में सिर्फ खानापूर्ति हुई है. निलंबन और लाइन हाजिर से कुछ नहीं होनेवाला है. इससे भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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