कांकेर (एजेंसियां)। छत्तीसगढ़ में जवानों को नक्सल आपरेशंस में अब तक सबसे बड़ी कामयाबी मिली है। नक्सलियों के मांद में घुसकर जवानों ने 29 माओवादियों को ढेर कर दिया है। देश में अब तक चले नक्सल आपरेशंस में ये सबसे बड़ी कामयाबी है। इस आपरेशंस में 14 महिला नक्सली और 15 पुरुष नक्सली समेत बड़ी संख्या में हथियार मिले हैं। अहम बात ये है कि मारे गये नक्सलियों में कई ईनामी नक्सली भी हैं।

इन इनामी नक्सली में एक नाम शंकर राव का है। मुठभेड़ में जवानों ने शंकर राव के अलावे उसकी पत्नी रंजीता को भी ढेर किया है। नक्सलियों के पास से भारी तादाद में हथियार बरामद किए गए हैं. इनमें एके-47 और एलएमजी जैसे घातक हथियार भी शामिल हैं। अब तक के इतिहास में यहां किसी एक मुठभेड़ में नक्सलियों की सबसे अधिक मौत हुई हैं।

बहुत ही खूंखार था नक्सली शंकर राव
कुख्यात नक्सली शंकर राव को मारने में भी बड़ी सफलता पाई है. वो दंडकारण्य डिवीजन में नक्सलियों का सबसे बड़ा और प्रभावशाली कमांडर था। वो अपने डिवीजन का मिलिट्री इंटेलिजेंस चीफ था। उसके सिर पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था. उसे दहशत का दूसरा नाम भी कहा जाता था. उससे आम लोग क्या पुलिसवाले भी खौफ खाते थे। शंकर राव डीव्हीसी सदस्य उत्तर बस्तर डिवीजन मास प्रभारी था।

एलएमजी व AK-47 चलाता था
खूंखार नक्सली शंकर राव एलएमजी और एके-47 जैसे घातक हथियारों को चलाने में माहिर था। वो हर वक्त इन हथियारों को अपने साथ रखता था। पिछले 15 वर्षों से उसने अपने आतंक का राज कायम कर रखा था। छत्तीसगढ़ से लेकर तेलंगाना और ओड़िसा तक के जंगलों में उसकी तूती बोलती थी। वो कई बड़ी नक्सली वारदातों की अगुवाई कर चुका था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए।

कई बड़ी वारदात को लीड किया था शंकर राव ने
शंकर राव ने साल 2021 में सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर सीआरपीएफ जवानों से भरी एक बस को आईईडी के जरिए उड़ा दिया था। इसमें 5 जवान शहीद हो गए थे, जबकि दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए थे. वो सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों पर घातक लगाकर हमला करता था। वो सुकमा और बीजापुर जिले में हुए कई वारदातों का मास्टरमाइंड था। तेलंगाना के रहने वाले नक्सली शंकर राव की लंबे समय से तलाश थी।

नक्सलियों की मौजूदगी की मिली थी खबर
शंकर राव बस्तर जिले के कांकेर के थाने के परतापुर, बड़गांव, पखांजूर, दुर्गकोंदल, कोयलीबेड़ा, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में ज्यादा सक्रिय था. वो पहले जनमिलिशिया का कमांडर बनाया गया था. लेकिन सक्रियता और तेज दिमाग की वजह से उसे लगातार प्रमोशन मिलता रहा। सुरक्षाबलों को माओवादियों के उत्तरी बस्तर डिवीजन के नक्सली शंकर राव, ललिता, राजू सहित अन्य नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में बीएसएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम को गश्ती के लिए रवाना किया गया।

चार घंटे तक चलती रही गोलियां
दोपहर करीब दो बजे हापाटोला गांव के जंगल में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. इसमें बड़ीं सख्या में नक्सलियों की मौत हुई है. घटनास्थल से 29 माओवादियों के शव, एके-47, एसएलआर, इंसास, एलएमजी और राइफल सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं. नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट पर मतदान पहले चरण में 19 अप्रैल को होना है. इससे पहले सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है।

इन नक्सलियों की हुई पहचान

  1. शंकर राव- डीव्हीसी सदस्य उत्तर बस्तर डिवीजन मास प्रभारी।
  2. ललिता डीव्हीसी- सदस्य/परतापुर एरिया कमेटी प्रभारी/जनताना सरकार समन्वयक प्रभारी।
  3. माधवी- उत्तर बस्तर डिवीजन।
  4. जुगनी उर्फ मालती- परतापुर एरिया कमेटी।
  5. सुखलाल- परतापुर एरिया कमेटी।
  6. श्रीकांत- परतापुर एरिया कमेटी।
  7. रूपी- मेढ़की एलओएस कमाण्डर।
  8. रामशिला- उत्तर बस्तर डिवीजन।
  9. रंजीता पति शंकर राव- उत्तर बस्तर डिवीजन।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...